भारत पाकिस्तानी सीमा से सटे सरहदी जिले जैसलमेर की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ जवानों ने सरहद पार से आए कबूतर को पकड़ लिया. इस कबूतर के पंखों पर टैगिंग की हुई थी. इसके अलावा उनके पंखों पर नंबर भी लिखे हुए हैं, जिन्हें देखकर बीएसएफ के जवान अलर्ट हो गए हैं. कबूतर किसी साजिश के तहत भेजा गया या फिर किसी पक्षी स्टडी का वो हिस्सा है, इसे लेकर जांच की जा रही है.
(इनपुट- विमल भाटिया)
(फोटो आजतक)
राजस्थान में जैसलमेर के शाहगढ़ बल्ज से लगती पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ की 18वीं बटालियन के जवानों ने एक कबूतर को पकड़ लिया. ये कबूतर पाकिस्तानी सीमा से उड़कर आया था. इस कबूतर के पंखों पर टैगिंग की हुई थी. कबूतर के पंखों पर कई नंबर भी लिखे हुए हैं. ये देख बीएसएफ जवान चौंक गए. बीएसएफ अधिकारी जांच कर रहे हैं कि ये कबूतर पाकिस्तान की किसी सीजिश का हिस्सा तो नहीं या फिर ये पक्षियों की किसी स्टडी का हिस्सा है, जो सीमा पार आ गया है.
बीएसएफ के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देर शाम शाहगढ़ बल्ज से लगती अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ की 18वीं बटालियन के जवान मुस्तैद थे, तभी इन जवानों ने एसकेडी के सीमा स्तंभ 718/3 के पास संदिग्ध कबूतर को झाड़ी के पास बैठे हुए देखा. बीएसएफ जवानों ने इस कबूतर को पकड़ लिया. कबूतर के दोनों पैरों पर टैग लगे हुए हैं, जिस पर 27, 32 और 15 अंक लिखे हुए हैं. वहीं इसके पंखों में 230 जीपीएस, 150 जीपीएस, 310 जीपीएस अंकित है. कबूतर पकड़ने के बाद बीएसएफ के जवान जांच में जुटे हैं कि यह एक सामान्य कबूतर है या पाक की ओर से कोई नापाक हरकत तो नहीं है.
सूत्रों की जानकारी के अनुसार 230 जीपीएस, जियोलोकेटर या जीपीएस ट्रैकर पक्षियों को ट्रैक करने के लिए उपयोग किया जाता है. पकड़ा गया कबूतर कोलम्बिडा परिवार का सदस्य हो सकता है. यह दक्षिणी कजाकिस्तान, उजबेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, अफगानिस्तान, उत्तर-पूर्व ईरान और उत्तर-पश्चिम चीन में प्रजनन करता है और सर्दियों के समय यह उत्तर-पूर्व पाकिस्तान, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान के कुछ हिस्सों में उड़कर आ जाते हैं.
कबूतर के पैरों पर टैग लगे हुए हैं, जिस पर 15 और 32 अंक लिखा हुआ है. गौरतलब है कि पाकिस्तान इस प्रकार की नापाक हरकतें करने की कोशिश करता रहता है. पश्चिमी सीमा से कभी पक्षी, कभी गुब्बारे भारतीय सीमा में भेजता है, लेकिन सीमा पर तैनात जवानों की मुस्तैदी के चलते हर बार उसे मुंह की खानी पड़ती है.