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राजस्थान

धौलपुर: सरकारी आंकड़ों में 3 महीने में कोरोना से 2 मौतें, 15 दिन में 60 शवों का हुआ अंतिम संस्कार

उमेश मिश्रा
  • धाैैलपुर ,
  • 25 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 12:15 PM IST
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कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में देश भर में संक्रमित मरीजों के साथ-साथ मृत्यु दर का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है. जिले में प्रतिदिन सौ से ऊपर मरीज आ रहे हैं. जिला प्रशासन कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा तो बता रहा हैं लेकिन करीब तीन महीने में कोरोना से सिर्फ दो मौत ही बता रहा है. आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं जबकि जिले में कोरोना संक्रमित कई मरीजों की जानें लगातार जा रही हैं. 

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जिला प्रशासन सरकार के सामने अपने र‍िकॉर्ड को खराब ना करने के लिए कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ों को बढ़ाने से बच रहा है. कई कोरोना पॉजिटिव मरीजों की हालत गंभीर होने पर उन्हें रैफर किया गया जिसके बाद किसी की जयपुर तो किसी की आगरा में मौत हो हुई हैं. इसके बाद परिजनों ने शवों का धौलपुर में अंतिम संस्कार करवा दिया. कोरोना संक्रमण से मौत होने के बाद भी जिला प्रशासन की लिस्ट में यह आंकड़े नहीं जुड़ रहे हैं.

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हम आपको बता दें कि जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड में कोरोना से संक्रमित गंभीर मरीजों को भर्ती किया जा रहा है लेकिन आईसीयू वार्ड में दम तोड़ने वाले मरीजों का आंकड़ा उनके पास नहीं है और ना ही वे इसे सार्वजनिक कर रहे हैं. बीते दो दिन में ही यहां पर तीन मौतें हो गई. मरीज की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा शव को बिना प्रोटोकाल के परिजनों के सुपुर्द कर दिया और परिजनों ने भी शवों का अंतिम संस्कार कर दिया.

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जिले में तेजी से बढ़ रहे संक्रमित मरीजों के ग्राफ से अब चिकित्सा व्यवस्थाएं भी डगमगाने लगी हैं. जिला अस्पताल के आईसीयू से लेकर कई वार्डों के बेड पूरी तरह से फुल हैं. कोविड के मेल वार्ड हो, फीमेल वार्ड और आईसीयू वार्ड फुल हो चुके हैं. अधिकांश बेडों पर ऑक्सीजन के साथ मरीज भर्ती हैं. 

अस्पताल में भर्ती मरीजों में सांस लेने की समस्या ज्यादा आने पर ऑक्सीजन की खपत बढ़ गई है जिसके कारण ऑटोमेटिक ऑक्सीजन प्लांट पर क्षमता से अधिक लोड आ गया है. हालांकि शनिवार सुबह आक्सीजन के करीब 27 सिलेंडर आने से डॉक्टरों ने थोड़ा राहत की सांस ली हैं लेकिन सूत्रों की मानें तो मरीजों की संख्या को देखते हुए यह सिलेंडर सिर्फ डेढ़ दिन ही चल सकते हैं. हालांकि अस्पताल स्टाफ की मानें तो 180 से अधिक आक्सीजन सिलेंडर की खेप अलवर से आनी है, जिसकी संभावना शनिवार देर रात तक जताई गई हैं. जब अधिकारियो से मोबाइल पर बात करनी चाही तो जिम्मेदार अधिकारियो ने फोन उठाने बंद कर दिए.

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जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों में सांस की परेशानी को देखते हुए डॉक्टर मरीजों की सैंपलिंग के साथ सीटी स्कैन भी करवा रहे हैं. एक साथ सीटी स्कैन मशीन पर भी लोड आने से मशीन बार-बार हैंग कर रही है. ऐसे में स्टाफ को भी परेशानी आ रही है. अस्पताल स्टाफ की मानें तो एक दिन में करीब 35 से अधिक सीटी स्कैन हो रहे हैं जिसमें करीब 20 मरीज कोरोना संक्रमित निकल रहे हैं. इन मरीजों में से करीब 15 से 18 मरीजों का सीटी स्कोर 14 /25 से अधिक जा रहा है जो काफी चिंता का विषय है.

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चंबल मुक्तिधाम सेवा समिति के अध्यक्ष भगवान सर्राफ ने बताया कि सिर्फ अप्रैल के 15 दिनों में ही यहां करीब 60 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है. यह आंकड़ा अन्य महीनों के 15 दिनों की तुलना में चार गुना अधिक है. अध्यक्ष सर्राफ ने बताया कि सरकार की कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करने से कोरोना से मौत हो रही हैं. चंबल मुक्ति धाम में एक से 15 जनवरी तक 15,एक से 15 फरवरी तक 14, एक से 15 मार्च तक 18 और एक से 15 अप्रैल तक करीब 60 शवों का अंतिम संस्कार हुआ है. अप्रैल महीने का आंकड़ा अन्य महीनों की तुलना में काफी बड़ा है.

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जिला अस्पताल में तैनात सीटी स्केन ऑपरेटर मुकेश उपमन ने बताया कि सीटी स्केन में प्रतिदिन 35 से अधिक सीटी स्कैन हो रही है जिसमें करीब 20 से मरीज कोरोना संक्रमित निकल रहे हैं.

कोरोना मरीज के परिजन जयंत शर्मा ने बताया कि अस्पताल में कोई भी सुनवाई नहीं हो रही हैं. एक ही व्यक्ति सभी की जांच कर रहा हैं और यहां कोई भी व्यवस्था नहीं हैं कोरोना जांच का सेंटर भी बंद है.

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