
राजस्थान हाई कोर्ट ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर मां की हत्या के बाद अपने दादा-दादी के साथ रह रही एक पांच वर्षीय बच्ची को 8 दिसंबर को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है. इस बच्ची की मां की इसी वर्ष के शुरुआत में हरियाणा में दहेज को लेकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद से यह बच्ची अपने दादा के साथ रह रही है. अब बच्ची के नाना ने उसे अपने पास रखने के लिए याचिका दायर की है.
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ में पांच वर्षीय बच्ची के नाना मोहन सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई. उनकी तरफ से खंडपीठ को बताया गया कि उनकी बेटी सुनीता कंवर की शादी हरियाणा के भिवानी निवासी परविंदर सिंह के साथ हुई थी. इस साल की शुरुआत में सुनीता कंवर की हत्या हो गई. हत्या के समय बच्ची अपनी मां के साथ में थी.
मोहन सिंह की ओर से कहा गया कि बाद में उसके बयान 164 में दर्ज किए गए. इसमें बच्ची ने कहा कि मेरे पापा ने मम्मी को मार दिया. इसके बावजूद भिवानी के अनुसंधान अधिकारी व बाल कल्याण समिति ने 19 मार्च 2020 को बच्ची की कस्टडी उसके पिता व दादा-दादी को सुपर्द करवा दी.
मुख्य गवाह होने के कारण अपने दादा-दादी के साथ रह रही बच्ची की जान को खतरा है. यह बच्ची पहले से ही जोधपुर के एक स्कूल में पढ़ाई कर रही थी. ऐसे में इस बच्ची को वापस उसकी मौसी सुमित्रा कंवर को सौंपा जाए. सभी पक्षों को सुनने के पश्चात खंडपीठ ने जोधपुर पश्चिमी क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त को 8 दिसंबर को इस बच्ची को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है.
गौरतलब है मोहन सिंह ने बीते दिनों पहले अपनी मृतक बेटी का सोशल मीडिया अकाउंट उसके पति द्वारा चलाकर दुरुपयोग करने का मामला जोधपुर में दर्ज कराया था, जिसके चलते उसकी गिरफ्तारी भी हुई.