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गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के लिए अगले हफ्ते जयपुर जा सकते हैं अजय माकन

राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी को खत्म करने के लिए सोनिया गांधी ने शनिवार को सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट से आमने-सामने पार्टी के विवाद पर बात की.

राजस्थान जाएंगे अजय माकन (फाइल फोटो) राजस्थान जाएंगे अजय माकन (फाइल फोटो)
देव अंकुर
  • जयपुर,
  • 20 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 9:21 AM IST
  • अगले सप्ताह जयपुर जा सकते हैं अजय माकन
  • गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर होगी चर्चा
  • कांग्रेस के सभी विधायकों से करेंगे संपर्क

राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन अगले सप्ताह जयपुर जाने वाले हैं. सूत्रों के मुताबिक इस दौरान अजय माकन सभी कांग्रेस विधायकों से मुलाकात करेंगे और गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा करेंगे. दरअसल प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार और कई राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं. इस साल के शुरुआत में ही सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच तकरार की वजह से इन विषयों को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका था. लेकिन दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में शनिवार को 10 जनपथ पर हुई बैठक के बाद आगे की रणनीति तय कर ली गई है. 

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राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी को खत्म करने के लिए सोनिया गांधी ने शनिवार को सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट से आमने-सामने पार्टी के विवाद पर बात की. इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन भी शामिल रहे.     

सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को विश्वास में लेकर विवाद को खत्म करने की कोशिश की. इस मीटिंग में प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन, राजनीतिक नियुक्तियां और मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा की गई है. 

बता दें कि कुछ महीने पहले ही राज्य के डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ राजस्थान से बाहर चले गए थे, जिसके बाद राज्य में सियासी संकट खड़ा हो गया था और अशोक गहलोत की सरकार के गिरने की नौबत आ गई थी.

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इस दौरान कांग्रेस ने सचिन पायलट पर अनुशासन का डंडा चलाया था और उन्हें डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया था. तब सचिन पायलट के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा भी हुई थी. हालांकि सचिन पायलट कई दिनों तक चले सियासी ड्रामे के बाद आखिरकार मान गए और गहलोत सरकार संकट से बाहर आई. 

हालांकि गहलोत और पायलट के बीच तात्कालिक तौर पर कलह तो थम गई, लेकिन दोनों नेताओं के बीच दिलों के फासले कायम रहे. इस बीच अभी हाल में गहलोत ने एक बार फिर कहा कि उनकी सरकार को गिराने की कोशिश हो रही है. इसी के साथ राजस्थान की गुटबाजी एक बार फिर से सामने आ गई. शनिवार की बैठक में इन तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई है. 

 

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