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11वीं बार खारिज हुई आसाराम की याचिका, सजा स्थगन की अपील खारिज

नाबालिग से यौन शोषण के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को राजस्थान हाई कोर्ट से झटका लगा है. जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की विशेष बेंच ने सजा स्थगन याचिका को खारिज कर दिया है.

आसाराम यौन शोषण के मामले में जेल में बंद है. (फोटो-IANS) आसाराम यौन शोषण के मामले में जेल में बंद है. (फोटो-IANS)
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 23 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:48 PM IST

  • आसाराम को हाईकोर्ट से झटका
  • सजा स्थगन की याचिका HC से खारिज
नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम की सजा स्थगन याचिका राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर ने खारिज कर दी है. आसाराम की सजा स्थगन याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई थी. जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की विशेष खण्डपीठ में हुई सुनवाई में कोर्ट ने आसाराम को जेल से बाहर लाने की याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट द्वारा मुकर्रर की गई सजा को सही करार दिया.

आसाराम की याचिका में नाबालिग बलात्कार पीड़िता की उम्र ओर पॉक्सो कानून को लेकर आसाराम के वकीलों ने सवाल उठाए थे. आसाराम के वकीलों ने कोर्ट से कहा कि पीड़िता नाबालिग नहीं थी इसलिए आसाराम पर पोक्सो एक्ट की धाराएं नहीं लगती है. मगर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि इस बारे में दोबारा सुनवाई नहीं हो सकती है क्योंकि कोर्ट यह मामला पहले ही सुन चुका है और अपना फैसला सुना चुका है.

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आसाराम के वकीलों ने आसाराम को सजा दिए जाने के खिलाफ याचिका लगाई है जिस पर जनवरी के दूसरे सप्ताह में सुनवाई होगी. लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अब तक 11 बार आसाराम की याचिका खारिज हो चुकी है. मगर आसाराम बार बार जेल से बाहर निकलने के लिए कोर्ट में अलग-अलग तर्कों के जरिए याचिका लगाता रहता है. हाईकोर्ट में मुंबई के वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीऐश गुप्ते और अधिवक्ता प्रदीप चौधरी ने सोमवार को अदालत में आसाराम का पक्ष रखा.

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