
कोरोना जैसे बेहद गंभीर बीमारी पर भी सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अलग हटकर कोरोना के वैक्सीनेशन का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री ने देशभर में वैक्सीनेशन का प्रोग्राम सुबह साढ़े 10 बजे शुरू किया तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में इसकी शुरुआत करीब 12 बजे की.
डेढ़ घंटे तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के अलावा स्वास्थ्य राज्यमंत्री सुभाष गर्ग राज्य के अलग अलग केंद्रों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत करते रहे. डेढ़ बजे के बाद राजस्थान में टीका लगाने का काम शुरू हुआ.
देश के करोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम से अलग हटकर अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास में वर्चुअल लॉन्चिंग का प्रोग्राम रखा जिसमें राज्य सरकार के तमाम मंत्री आए. कोरोना काल के तमाम उपलब्धियों को गिनाया गया और बताया गया कि किस तरह से राजस्थान ने कोरोना की जंग जीतने की लड़ाई लड़ी है. उसके बाद कोरोना का टीका लेने वाले लोगों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद बातचीत की.
राजस्थान में कुल 161 केंद्रों पर कोरोना का वैक्सीन दिया गया. जयपुर मे 21 केंद्रों पर शनिवार को दिनभर में 2100 कोरोना के वैक्सीन दिए गए. मुख्यमंत्री की देखरेख में सबसे पहले सवाई मानसिंह अस्पताल के प्राचार्य डॉक्टर सुधीर भंडारी को कोरोना का टीका लगाया गया. उसके बाद 93 साल के डॉक्टर प्रेम चंद भंडारी ने भी कोरोना का टीका लगवाया. जोधपुर, उदयपुर और अजमेर जैसे संभाग पर टीका लगाया गया. इन सभी जगह पर मुख्यमंत्री लगातार जुड़े रहे और पहले टीका लगवाने वाले लोगों से बातचीत करते रहे.
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राजस्थान में टीके को लेकर भी सियासत हो रही है. भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का 20 हजार खुराक राजस्थान भेजी गई है. लेकिन राज्य सरकार ने फिलहाल कोविशिल्ड ही लगाने का फैसला किया है. इस मौके पर जयपुर में डॉक्टरों के अलावा स्वास्थ्यकर्मियों और सफाईकर्मियों मे भी टीका लगाने के लिए भारी उत्साह देखने को मिला.