Advertisement

राजस्थान में न फंसे पंजाब जैसा पेच, गहलोत-पायलट में गतिरोध सुलझाने एक्टिव हुईं सोनिया-प्रियंका

राजस्थान सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ही दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं, जिनके बीच सुलह-समझौते के लिए बुधवार को होने वाली बैठक में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शामिल हो सकती हैं. राजस्थान में काफी समय से गहलोत मंत्रिमंडल के विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर मामला उलझा हुआ है.

सोनिया गांधी और अशोक गहलोत सोनिया गांधी और अशोक गहलोत
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली ,
  • 10 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:46 PM IST
  • राजस्थान कांग्रेस संकट को लेकर दिल्ली में बैठक
  • गहलोत और पायलट दिल्ली में डेरा जमाए हैं
  • सोनिया-प्रियंका राजस्थान मामले में हुईं एक्टिव

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच गतिरोध को सुलझाने के लिए कांग्रेस हाईकमान एक्टिव हो गया है. गहलोत और पायलट दोनों ही दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं, जिनके बीच सुलह-समझौते के लिए बुधवार को होने वाली बैठक में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शामिल हो सकती हैं. राजस्थान में काफी समय से गहलोत मंत्रिमंडल के विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर मामला उलझा हुआ है. 

Advertisement

सूत्रों की मानें तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शिमला से दिल्ली पहुंच रही हैं. इसके बाद राजस्थान को लेकर होने वाली बैठक में शामिल हो सकती है. कांग्रेस संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल, राजस्थान प्रभारी अजय माकन के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बैठक है. इसके बाद सीएम गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिल सकते हैं. वहीं, सचिन पायलट भी मंगलवार शाम यूपी से दिल्ली पहुंच चुके हैं और बुधवार को उन्होंने केसी वेणुगोपाल के साथ मुलाकात की.  

2020 में गहलोत के खिलाफ पायलट बागी हुए थे

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिल्ली में होने वाली बैठक को लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चाएं तेज हो गई हैं. सरकार और संगठन में होने वाले फेरबदल का सीधा संबंध हैं. बता दें कि गहलोत के खिलाफ पायलट ने जुलाई 2020 को बगावत का बिगुल फूंका था और अपने समर्थक विधायकों के साथ गुरुग्राम के होटल में डेरा जमा दिया था. एक महीन से अधिक समय तक गहलोत-पायलट खेमे के विधायक अलग-अलग बाड़ाबंदी में रहे थे. इसके बाद 10 अगस्त 2020 को प्रियंका गांधी की ओर से की गई मध्यस्थता की गई.

Advertisement

पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ 10 अगस्त 2020 को प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की थी. पायलट की मांगों के समाधान के लिए केसी वेणुगोपाल ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी थी. इसके बाद पायलट और उनके समर्थक विधायक इस शर्त पर वापस लौटे थे कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा. इस कमेटी में वेणुगापल के साथ अहमद पटेल और अजय माकन शामिल थे, जिसमें पटेल का निधन हो गया है. यह कमेटी बने 15 महीने से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अभी तक मामला सुलझ नहीं सका. 

समझौते का फॉर्मूला 15 महीने के बाद लागू नहीं

सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद सुलह के लिए बनी कमेटी के 15 महीने पूरा हो गए हैं,  लेकिन फिर भी सुलह- समाधान का रास्ता नहीं दिख रहा है. ऐसे में पायलट खेमा लगातार यह कहता आ रहा है कि पार्टी में कार्यकर्ताओं की सुनी नहीं जा रही है. जनता के काम अटके हुए है. इस तरह मंत्रिमण्डल विस्तार से लेकर राजनीतिक नियुक्तियों तक की मांग पायलट खेमे की ओर से किए जा रहे हैं. वहीं, गहलोत खेमा इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं.  

राजस्थान में लंबे समय से प्रदेश में मंत्रिमंडल फेरबदल, राजनीतिक नियुक्तियों और संगठन विस्तार पर हाईकमान के साथ चर्चा होना निश्चित माना जा रहा है. इसके मद्देनजर कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के साथ सीएम अशोक गहलोत की मीटिंग है. 

Advertisement

गहलोत के मंत्रिमंडल विस्तार होना है

गहलोत की होने वाली बैठक संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रभारी अजय माकन सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ है. हाल ही में कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा को गुजरात का प्रभारी और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को पंजाब का ऑब्जर्वर बनाया है. माना जा रहा है कि अब दोनों मंत्रियों की जगह कैबिनेट में खाली हो सकती है, क्योंकि हरीश चौधरी ने भी इसके संकेत दे चुके हैं.

इसके अलावा संगठन में चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के कारण भी कुछ और मंत्रियों को भी हटाए जाने की चर्चा जोरों पर है. मंत्रिमंडल में फेरबदल, राजनीतिक नियुक्तियां और संगठन में व्यापक बदलाव किए जाने की प्रबल संभावना है. इसी लिए गहलोत और पायलट का दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के साथ होने वाली बैठक पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं. 

(सुप्रिया भारद्वाज के इनपुट के साथ)

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement