
तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को हुए वायुसेना के हेलिकॉप्टर क्रैश में राजस्थान के झुंझुनूं का एक लाल भी शहीद हो गया. हादसे में शहीद हुए हेलिकॉप्टर के को-पायलट स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह राव झुंझुनूं के घरड़ाना खुर्द गांव निवासी थे. हादसे के समय इंडियन एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर को ग्रुप कैप्टन पीएस चौहान और को-पायलट स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह उड़ा रहे थे.
कुलदीप की बहन इंडियन नेवी में
स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह का झुंझुनू जिले के घरड़ाना खुर्द गांव में जन्म हुआ था और वर्तमान में उनका परिवार जयपुर में ही रहता है. कुलदीप के पिताजी एक्स नेवी अफसर है. उनकी बहन भी इंडियन नेवी में हैं. कुलदीप माता-पिता के अकेले बेटे थे और दो साल पहले ही उनकी शादी हुई थी.
कुलदीप सिंह उड़ा रहे थे हेलिकॉप्टर
तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार सुबह हुए भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर क्रैश में सीडीएस बिपिन रावत की पत्नी समेत 11 अन्य अफसरों का निधन हो गया. जनरल रावत के साथ वायुसेना के Mi-17V5 हेलिकॉप्टर में ब्रिगेडिर स्तर के अधिकारी मौजूद थे. इंडियन एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर को ग्रुप कैप्टन पीएस चौहान और को-पायलट स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह उड़ा रहे थे.
हेलिकॉप्टर हादसे में CDS बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के साथ-साथ ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर पीएस चौहान, स्क्वॉड्रन लीडर के सिंह, जेडब्ल्यूओ दास, जेडब्ल्यूओ प्रदीप ए, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक साई तेजा और हवालदार सतपाल आदि शहीद हुए है. इस हेलिकॉप्टर क्रैश में केवल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जीवित बचे हैं, जिनका वेलिंगटन में आर्मी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है.
जयपुर में है फैमिली
शहीद कुलदीप सिंह राव 2013 में एयरफोर्स में भर्ती हुए थे. इससे पहले उन्होंने अपने पिता रणधीर सिंह राव जो भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त हो चुके हैं के साथ रहकर मुंबई में ही बीएससी-आईटी की पढ़ाई की थी. वहीं से वे एयरफोर्स में भर्ती हो गए थे. 2 साल पहले ही उनकी शादी मेरठ की यशवनी ढाका के साथ 19 नवम्बर 2019 को हुई थी. कुलदीप राव की एक बहन अभीता इंडियन कोस्ट गार्ड में डिप्टी कमांडेंट के पद पर कार्यरत हैं और मां कमला देवी ग्रहणी है. फिलहाल उनका परिवार जयपुर में रहता हैं.
कुलदीप के शहीद होने की घटना के बाद से ही पैतृक गांव चिड़ावा के घरडाना खुर्द में गमगीन माहौल है. घर पर रिश्तेदारों और ग्रामीणों का जुटना शुरू हो गया है. परिजनों का कहना है की पार्थिव देह देर शाम तक पहुंच सकता है. कुलदीप के चचेरे भाई राजेंद्र राव ने बताया कि कुलदीप बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थे. सरल स्वभाव के कुलदीप बहुत ही मिलनसार थे. कोई भी उनके पास जाता था तो वापस जाने को मन भी नहीं करता था. कुलदीप को क्रिकेट खेलने का भी शौक था.