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अमित शाह का दावा- वसुंधरा राजे फिर बनेंगी राजस्थान की मुख्यमंत्री

जयपुर में अमित शाह ने प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक के समापन सत्र को संबोधित किया. जहां उन्होंने कहा कि इस बार राजस्थान में एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस की परम्परा टूटने जा रही है.

वसुंधरा राजे के साथ अमित शाह वसुंधरा राजे के साथ अमित शाह
जावेद अख़्तर
  • जयपुर,
  • 22 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 9:51 AM IST

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शनिवार को राजस्थान के दौरे पर थे. जहां उन्होंने राज्य में नेतृत्व को लेकर चल रही आशंकाओं को दूर कर दिया. शाह ने साफ कर दिया कि राजस्थान में आने वाला विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में लड़ा जाएगा और प्रचंड बहुमत के साथ वह एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगी.

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अमित शाह ने कहा कि राजस्थान के साथ-साथ छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में पार्टी एक बार फिर सरकार बनाएगी और 2019 में नरेंद्र मोदी ही देश के प्रधानमंत्री बनेंगे.

शनिवार को जयपुर में अमित शाह ने प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक के समापन सत्र को संबोधित किया. जहां उन्होंने कहा कि इस बार राजस्थान में एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस की परम्परा टूटने जा रही है.

उन्होंने कहा कि वसुन्धरा राजे की सरकार ने राजस्थान में बहुत काम किया है. भामाशाह योजना, मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान और गौरव पथ जैसी कई योजनाओं को देशभर में यश मिला है.

उन्होंने कहा, 'कांग्रेस नकारात्मक राजनीति कर अफवाहें फैलाने का काम कर रही है. यह लोकतंत्र पर अघोषित हमला है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी देश से अपना जुड़ाव महसूस नहीं कर सकते. कांग्रेस भाजपा का मुकाबला नहीं कर सकती. कांग्रेस का सगठनात्मक ढांचा खत्म हो गया है. अब तो कांग्रेस में भ्रष्टाचारियों का जमघट बचा है.'

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वसुंधरा ने किया बड़ी जीत का दावा

मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि हम विधानसभा चुनावों में पिछली बार से भी अधिक सीटें जीतेंगे. उन्होंने कहा कि पिछली जीत से भी इस बार की जीत बड़ी होगी. वहीं, उन्होंने लोकसभा चुनाव में सभी 25 सीटें जीतकर एक बार फिर नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की भी बात कही.

बता दें कि 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा के चुनाव इस साल के अंत में होने हैं. ऐसे में शाह का यह बयान काफी महत्वपूर्ण है. दरअसल, ऐसा इसलिए भी क्योंकि राज्य में पार्टी नेतृत्व को लेकर हाल ही में बड़ा घमासान देखने को मिला था. प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर राजस्थान बीजेपी दो खेमों में बंटती नजर आई थी, जिसके बाद अंतत: राज्यसभा सांसद मदनलाल सैनी को जिम्मेदारी सौंपी गई. अशोक परनामी के इस्तीफे के बाद करीब दो महीने तक प्रदेश अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति नहीं हो पाई थी.

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