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ब्लू व्हेल गेम में टास्क पूरा करने जयपुर से मुंबई पहुंचा स्टूडेंट, ट्रेन पर दौड़ने वाला था

टास्क पूरा करने के लिये उसने घर छोड़ दिया.21 अगस्त को राहुल सुबह 7 बजे घर से स्कूल के लिए निकला लेकिन वापस नहीं आया. इस शिकायत पर घरवालों ने करणी विहार थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई. लेकिन राहुल तो खेल की जकड़ में इस तरह आ चुका था कि वो सवाईमाधोपुर, इंदौर होता हुआ मुंबई जा पहुंचा जंहा उसे चलती ट्रेन के ऊपर दौड़कर टास्क पूरा करना था. लेकिन समय रहते उसके मोबाइल को ट्रेस किया गया और मुंबई के रेलवे स्टेशन से राहुल को पकड़ लिया.

ब्लू व्हेल गेम ब्लू व्हेल गेम
अंकुर कुमार/शरत कुमार
  • जयपुर ,
  • 26 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 9:29 PM IST

ऑनलाइन गेम खेलने वाले युवाओं के लिए मौत की वजह बन चुके गेम ब्लू व्हेल का चोंकाने वाला मामला जयपुर में सामने आया है, जहां 16 साल का राहुल बागड़ा इस खेल की जद में इस कदर आ गया कि टास्क पूरा करने के लिये उसने घर छोड़ दिया. 21 अगस्त को राहुल सुबह 7 बजे घर से स्कूल के लिए निकला लेकिन वापस नहीं आया. इस शिकायत पर घरवालों ने करणी विहार थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई. लेकिन राहुल तो खेल की जकड़ में इस तरह आ चुका था कि वो सवाईमाधोपुर, इंदौर होता हुआ मुंबई जा पहुंचा जहां उसे चलती ट्रेन के ऊपर दौड़कर टास्क पूरा करना था. लेकिन समय रहते उसके मोबाइल को ट्रेस किया गया और मुंबई के रेलवे स्टेशन से राहुल को पकड़ लिया.

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ऑनलाइन मौत के खेल पर भले ही केंद्र सरकार ने रोक लगा दी हो, लेकिन उसकी जद में बच्चे अभी आ रहे है. जयपुर में इस गेम के शिकार एक बच्चे का चौंकाने वाला मामला सामने आया है.ब्लू व्हेल गेम का शिकार छात्र राहुल बागड़ा है,जो 21 अगस्त को मीणावाला में सिरसी रोड कनकपुरा स्थित अपने घर से चला गया था. उसकी लोकेशन ट्रेस की गई तो उसी दिन वो करीब डेढ़ बजे सवाई माधोपुर में रणथंभौर की पहाडि़यों  पर था. ऑनलाइन गेम में पहाड़ी पर चढ़ना भी था. उसकी तलाश के लिए पूछताछ की गई तो पता चला कि वह ऑनलाइन गेम ब्लूव्हेल की चपेट में है. राहुल के फोन की लोकेशन एक जगह से नहीं आ रही थी, जिसके चलते पुलिस उसको तलाश में भटकती रही.

सातवें लेवल पर घर छोड़ना होता है

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ब्लू व्हेल गेम खेलने वाले को सातवे लेवल पर घर छोड़ने का टॉस्क दिया जाता है. इसके बाद जैसे लेवल बढ़ता है रिस्क भी उतनी ही बढ़ती जाती है. 50वें लेवल पर खेलने वाले को दुनिया से अलविदा कहना होता है वह भी मौत की नई स्टाइल में. राहुल 27वें टास्क तक पहुंच गया था जो कि ट्रेन से जुड़ा हुआ खतरनाक टास्क था. एक टास्क में राहुल को अपने हाथ की नस काटनी थी लेकिन राहुल ने गूगल से फोटो डाउनलोड किया और भेजा.लेकिन गेम के नियम के मुताबिक उसके फोटो को स्वीकार नहीं किया गया.

इस खेल में अपनी जान बच जाने के बाद राहुल ने ऑनलाइन गेम से तौबा कर ली है, लेकिन परिजनों के लिये यह खबर एक सबब है कि बच्चों के असामान्य व्यवहार को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. चैक करना चाहिए कि बच्चा एकान्त में नहीं जा रहा हो और हाथ, चेहरे, गर्दन पर असामान्य निशान न बना रहा हो. इस गेम के चलते भारत मे बहुत से बच्चों द्वारा बहुत से तरीकों से आत्महत्या की जा चुकी है.

 

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