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निकाय चुनावों पर गहलोत सरकार का यू-टर्न, भाजपा ने बताया जनता की जीत

सतीश पूनियां ने कहा कि निकाय चुनावों को लेकर यह सरकार शुरू से ही असमंजस की स्थिति में लग रही है और अजीबोगरीब फैसले ले रही है.

राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया (IANS) राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया (IANS)
देव अंकुर
  • जयपुर,
  • 26 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 12:20 AM IST

  • पूनिया बोले-विपक्ष के दबाव में सरकार ने वापस लिया निर्णय
  • निकाय चुनावों को लेकर यह सरकार शुरू से ही असमंजस में

अशोक गहलोत सरकार के निकाय चुनावों को लेकर लिए गए निर्णय पर यू-टर्न ने भाजपा को कांग्रेस पर कटाक्ष करने का एक और मौका दे दिया है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने अशोक गहलोत सरकार के निकाय चुनावों पर लिए गए निर्णय पर यू टर्न को जनता की जीत बताया. उन्होंने कहा कि विपक्ष के दबाव के आगे सरकार को अपना अलोकतांत्रिक निर्णय वापस लिया है.

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हाइब्रिड मॉडल का विरोध

राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, 'भाजपा ने सरकार द्वारा हाइब्रिड मॉडल के अंतर्गत लिए गए निर्णयों के खिलाफ सांसदों, विधायकों, प्रमुख लोगों और कार्यकर्ताओं से चर्चा कर यह ऐलान किया था कि अगर सरकार इस हाइब्रिड मॉडल को वापस नहीं लेगी तो जनहित में भाजपा 1 नवम्बर को प्रदेश के सभी निकायों में सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी. साथ ही पार्टी ने इसके लिए तैयारियां भी कर शुरू कर दी थी. भाजपा आंदोलन की चेतावनी के बाद दो गुटों वाली असमंजस में फंसी सरकार बैकफुट पर आ गई.'

सरकार असमंजस की स्थिति में

सतीश पूनिया ने यह भी कहा, 'निकाय चुनावों को लेकर यह सरकार शुरू से ही असमंजस की स्थिति में लग रही है और अजीबोगरीब फैसले ले रही है. सरकार अपने निर्णयों पर ही अनेक मामलों में विभक्त दिखाई दी. निकाय चुनावों को लेकर सरकार ने पहले अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली के तहत पार्षदों ने मेयर, सभापति और चैयरमेन का चुनाव करने की घोषणा की.

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आगे उन्होंने कहा, 'इससे भी आशंकित सरकार ने हाइब्रिड मॉडल का फार्मूला जनता के समक्ष रखा जिसके अंतर्गत बाहर से कोई भी व्यक्ति अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव लड़कर मेयर, सभापति या चैयरमेन बन सकेगा, उसे पार्षद का चुनाव लड़ने की आवश्यकता नहीं होगी. सरकार के इस अलोकतांत्रिक निर्णय पर स्वयं उप मुख्यमंत्री, सरकार के मंत्री और विधायक असहमत दिखाई दिए.'

पायलट सरकार ने जताई थी खुशी

राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सरकार के फैसले  को बदलने पर खुशी जाहिर कर चुके हैं. पायलट ने यह तक कहा कि किसी भी अन्य प्रदेश में ऐसा प्रावधान नहीं है कि बिना चुने ही लोग मेयर और चेयरमैन के पद के लिए चुनाव लड़ सकते हो.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि निकाय चुनावों के लेकर सरकार द्वारा लिए जा रहे विभिन्न निर्णयों से यही लगता है कि सरकार के उप मुख्यमंत्री ने स्वयं स्वीकार किया है कि हाइब्रिड मॉडल को लेकर ना तो विधायक दल और ना ही कैबिनेट में चर्चा की गई, इस पर पुनरविचार किया जाना चाहिए.

सतीश पूनियां ने कहा, 'हाइब्रिड मॉडल को लाने के पीछे सरकार की अपने चहेते लोगों, चमचों को और धन बल के आधार पर लोगों को निकायों में काबिज करने की योजना थी, लेकिन जनता के दबाव के कारण आज सरकार ने अपने फैसले पर लिए गये यू टर्न से प्रदेश की जनता की जीत हुई है.'

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डॉ पूनिया ने कहा, 'सरकार निकाय चुनावों को जीतने के लिए चाहे कितनी ही तिकड़म लगा लें लेकिन पिछले 10 माह में सरकार की विफलता, बिगड़ती कानून व्यवस्था, सफाई, बिजली, पानी, सड़क कार्यों पर सरकार की विफलता का जो विरोध है वह सरकार की हार का बड़ा कारण रहेगा. उन्होंने कहा, 'भाजपा के परिश्रमी कार्यकर्ताओं के बूते हम मजबूती से चुनाव लड़ेंगे व अच्छी रणनीति के तहत हम निश्चित रूप से चुनाव जीतेंगे.'

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