
देश में स्थानीय लोगों को ही नौकरियां देने का मानों सिलसिला सा चल पड़ा है. मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान भी सरकारी नौकरियों को केवल राजस्थानी लोगों के लिए आरक्षित करने की तैयारी में है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इसका परीक्षण करें. सीएम गहलोत ने कहा है कि जब अन्य राज्य इस तरह के कानून बना सकते हैं, तो राजस्थान क्यों नहीं.
राजस्थान सरकार ने तय किया है कि राज्य के बेरोजगारों को सरकारी नौकरी में ज्यादा से ज्यादा तरजीह दी जाए. इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कार्मिक, प्रशासनिक सुधार, विधि एवं कानून समेत कई विभागों के अफसरों को इसका परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं. दरअसल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के स्थानीय युवाओं को ही सरकारी नौकरी में प्राथमिकता देने संबंधी नियम बनाने के बाद से ही सूबे में भी स्थानीय नागरिकों को प्राथमिकता देने की मांग उठने लगी थी.
अफसरों ने बातचीत में बताया कि कई ऐसी नौकरियां हैं, जिनमें स्थानीय नागरिकों के लिए 100 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया जा सकता है. अधिकारियों के मुताबिक पटवारी, प्राथमिक शिक्षक, पशुधन सहायक, कृषि पर्यवेक्षक, महिला पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी और क्लर्क जैसी कई नौकरियां ऐसी हैं, जिनमें स्थानीय नागरिक बेहतर काम कर सकते हैं.
इससे पहले सीएम गहलोत ने बेरोजगारों को तीन बड़ी सौगात भी दीं. सीएम ने रीट 2018 की परीक्षा लेवल 2 के अभ्यर्थियों की दूसरी वेटिंग लिस्ट जारी करने के आदेश दे दिए हैं. इसके अलावा कनिष्ठ लिपिक भर्ती परीक्षा 2018 के रिक्त पदों पर भी भर्ती का निर्णय लिया गया है. कांस्टेबल भर्ती परीक्षा भी होगी. इस परीक्षा में 17 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे.