
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि बढ़ाने की मांग की है. पत्र की जानकारी स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को दी.
सीएम गहलोत ने कहा कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्यों को केंद्र सरकार की ओर से देय जीएसटी क्षतिपूर्ति (कम्पनसेशन) राशि की गणना राज्य के सकल राजस्व घाटे (टोटल रेवेन्यू डेफिसिट) के आधार पर कर भुगतान करने तथा जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि बढ़ाने की मांग की है. कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत राज्यों की अतिरिक्त उधार लेने की सीमा अगले वित्तीय वर्ष के लिए बढ़ाने का भी अनुरोध किया है."
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुताबिक कोविड-19 महामारी का अर्थव्यवस्था पर गहरा नकारात्मक असर पड़ा है और यहां की स्थिति को सामान्य होने में लंबा समय लगेगा. उन्होंने कहा कि "प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए भुगतान जून 2022 तक देय है, लेकिन वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों में इस अवधि को पांच वर्ष और बढ़ाकर जून 2027 तक जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए भुगतान किया जाए. चालू वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि का आकलन एवं भुगतान सकल राजस्व घाटे के आधार पर करने की पूर्व में रखी गई मांग भी दोहराई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों में चालू वित्तीय वर्ष के लिए राज्य सरकार ने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की 2 प्रतिशत राशि अतिरिक्त उधार लेने का विकल्प चुना है. पीएम मोदी से राज्य सरकार की प्रतिबद्ध देनदारियों (कमिटिड लायबिलिटीज) के लिए वित्तीय संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 2 प्रतिशत अतिरिक्त उधार लेने के इस प्रावधान को अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए भी जारी रखने का आग्रह किया है."
राज्य के मुखिया अशोक गहलोत के मुताबिक "पत्र में लिखा है कि कोविड-19 महामारी के अर्थव्यवस्था पर पड़े नकारात्मक प्रभाव के क्रम में विकास की कमजोर गति के चलते सकल राज्य घरेलू उत्पाद के लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया जा सकेगा. साथ ही, राज्य में राजस्व संकलन का प्रवाह भी अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंच पाएगा. इन परिस्थितियों में आगामी केंद्रीय बजट में अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए उपरोक्त सकारात्मक कदम उठाना अति-आवश्यक है."