
राजस्थान में पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार सचिन पायलट की बगावत के एक साल पूरे हो गए हैं. एक बार फिर सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुट के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गई है जो इशारा करती है कि राजस्थान कांग्रेस में समझौता अभी दूर की कौड़ी है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से उनसे करीबी निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर ने कहा है कि सचिन पायलट अगर नहीं होते तो राजस्थान में कांग्रेस की 150 सीटें आतीं. जमानत जब्त होने वाले लोगों को टिकट देकर कांग्रेस का उन्होंने नुकसान किया है. इसके लिए एक्शन होना चाहिए. जो लोग कांग्रेसी हैं, वे गहलोत के साथ हैं. उन्हीं लोगों ने कांग्रेस की सरकार बचाई है.
सियासी बयानबाजी में सचिन पायलट गुट ने भी अशोक गहलोत गुट के विधायक के आरोपों का जवाब दिया है. पायलट ग्रुप की ओर से आने वाले कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा है कि जो सीटें आई हैं, सचिन पायलट की वजह से आई हैं. जो लोग कांग्रेस को हराने में लगे थे, आज वे सत्ता में बैठे हैं.
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सचिन पायलट ने बनवाई कांग्रेस सरकार!
वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि अगर सचिन पायलट नहीं होते तो कांग्रेस के नेताओं को बताना चाहिए कि 2013 और 2018 में भी कांग्रेस को कितनी सीटें मिली थीं. राजस्थान में सरकार सचिन पायलट ने बनाई है. हमारे जैसे विधायक भी सचिन पायलट की वजह से जीते हैं.
कांग्रेस के खिलाफ उतरने वाले आज समर्थक!
बाबूलाल नागर को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उनके ऊपर आरोप था और वे जब जेल में थे तब कांग्रेस की थी जिसने उनके भाई को टिकट दिया लेकिन भाई 45,000 वोटों से चुनाव हार गया. इसलिए टिकट कटा तो निर्दलीय होकर कांग्रेस के खिलाफ खड़े हो गए और आज कांग्रेस के बारे में भाषण दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ढाई साल से बाबूलाल नागर सचिन पायलट की तस्वीर लगाकर अपने विधानसभा में घूम रहे हैं लेकिन दद्दू इलाके में पानी घोटाला और बजरी घोटाले में खुद को फंसता देखकर अशोक गहलोत को खुश करने के लिए सचिन पायलट के खिलाफ बोल रहे हैं.
राजस्थान संकट का नहीं निकल रहा है हल
इसी बीच अशोक गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों ने भी बपसा विधायक जोगिंदर अवाना के घर बैठक की. फिलहाल सियासी बयानबाजी को देखकर लग रहा है कि राजस्थान संकट का हल होता नजर नहीं आ रहा है.