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राजस्थान में खत्म हुआ गुर्जर आंदोलन, सरकार और समिति में बनी सहमति

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बीच सहमति बन गई है. अशोक गहलोत और कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बीच बुधवार को हुई वार्ता में सहमति बनी. बैठक जयपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास पर हुई.  

 राजस्थान में खत्म हुआ गुर्जर आंदोलन (फाइल फोटो) राजस्थान में खत्म हुआ गुर्जर आंदोलन (फाइल फोटो)
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 11 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 9:07 AM IST
  • राजस्थान में खत्म हुआ गुर्जर आंदोलन
  • अशोक गहलोत और कर्नल बैंसला के बीच सहमति बनी
  • पिछले कई दिनों से चल रहा था गुर्जर आंदोलन

राजस्थान में चल रहा गुर्जर आंदोलन खत्म हो गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बीच आरक्षण आंदोलन की मांग को लेकर सहमति बन गई है. अशोक गहलोत और कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बीच बुधवार को हुई वार्ता में सहमति बनी. बैठक जयपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास पर हुई.  

सब कमेटी और गुर्जर संघर्ष समिति के बीच वार्ता में सहमति बनी है.6 बिंदुओं पर सहमति बनी है. वहीं इसकी घोषणा गुरुवार को गुर्जर संघर्ष समिति के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला भरतपुर के पीलूपुरा में रेल की पटरी पर जाकर करेंगे, जहां पर आंदोलनकारी पिछले करीब दो हफ्तों से रेल की पटरी पर बैठे हुए हैं.

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इससे पहले बुधवार को गुर्जर समाज का प्रतिनिधिमंडल जयपुर पहुंचा. राज्य सरकार ने समझौता पत्र भी तैयार कर लिया था. पांच मांगों पर गुर्जर समाज ने सहमति दी. मारे गए 3 आंदोलनकारी के परिजनों को सरकारी नौकरी मिलेगी, आंदोलन में लगे मुकदमों को सरकार वापस लेगी, नवी अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र को पत्र लिखेगी गहलोत सरकार.

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इसके अलावा देवनारायण योजना के क्रियान्वयन पर सहमति दी. एमबीसी वर्ग के 1252 अभ्यर्थियों को नियमित वेतन श्रृंखला के समकक्ष समस्त परिलाभ दिए जाएगा. बता दें कि राजस्थान में आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समुदाय का आंदोलन पिछले कई दिन से लगातार जारी था.

इससे पहले रेल की पटरियों पर डटे गुर्जर नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी थी. पूरे राजस्थान में रेल से लेकर सड़क तक हर जगह चक्का जाम कर देने की चेतावनी दी गई थी.  

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कर्नल बैंसला ने कहा था कि सरकार हमें आंदोलन करने के लिए मजबूर कर रही है. हमारी 6 मांगे हैं, अगर सरकार उन्हें मान लेती है तो हम आंदोलन नहीं करना चाहते. उन्होंने रहा कि सरकार की दोहरी नीति से करीब 35 हजार गुर्जरों को नौकरी नहीं मिल पा रही है.

 

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