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राजस्थान में भी एंटीजन किट से कोरोना टेस्ट, इस्तेमाल से पहले होगी जांच

राजस्थान सरकार ने भी एंटीजन किट से जांच की हरी झंडी दे दी है. हालांकि, सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि एंटीजन किट को उपयोग में लाने से पहले इसकी भी जांच कराई जाएगी.

प्रतीकात्मक तस्वीर (PTI) प्रतीकात्मक तस्वीर (PTI)
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 27 जून 2020,
  • अपडेटेड 2:55 PM IST

  • फूंक-फूंक कर कदम रख रही सरकार
  • शुरुआत में मंगाईं 200 एंटीजन टेस्ट किट

कोरोना वायरस से संक्रमितों की जांच में तेजी लाने के लिए अब राजस्थान सरकार ने भी एंटीजन किट से जांच की हरी झंडी दे दी है. हालांकि, सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि एंटीजन किट को उपयोग में लाने से पहले इसकी भी जांच कराई जाएगी. सरकार ने टेस्टिंग के लिए पहले 200 एंटीजन किट मंगाई है. इनके नतीजे देखने के बाद ही इस्तेमाल को लेकर सरकार कोई फैसला लेगी.

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एंटीजन किट के जरिए लोगों के शरीर के अंदर की प्रतिरोधक क्षमता की जांच होगी. इस किट के जरिए अगर कोई इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण वाला संदिग्ध नेगेटिव आएगा तो उसकी दोबारा जांच कोरोना के गले और मुंह से सैंपल लेकर टेस्ट करने की परंपरागत तौर पर की जाएगी. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की गाइडलाइन के अनुसार कंटेनमेंट जोन में काम करने वाले लोगों की जांच इस किट के जरिए तेजी के साथ की जा सकती है, क्योंकि इससे 30 मिनट के अंदर मौके पर ही नतीजे मिल जाते हैं.

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एंटीजन किट के जरिए जांच में यह भी पता चल जाता है कि जिस व्यक्ति का टेस्ट किया गया, उसको पहले कोरोना हुआ था या नहीं. दरअसल पिछले कुछ दिनों से 60 फीसदी से ज्यादा कोरोना के ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें कोई लक्षण नहीं दिख रहा है. ऐसे में इस टेस्ट के जरिए प्रभावी तरीके से जल्दी से लोगों को आइसोलेट किया जा सकता है. इसके अलावा सरकारी और अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों का टेस्ट करने की भी इजाजत होगी, जिनके मन में डर बैठा हुआ है और इसकी वजह से वे लोग कोरोना के भय से काम नहीं कर पा रहे हैं.

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आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पताल और निजी लैब में भी यह जांच करने की इजाजत दी गई है. इस एंटीजन टेस्ट के जरिए सब्जी विक्रेता, दूध विक्रेता और किराना की दुकान वालों की भी जांच लगातार होती रहेगी. जिन्हें कोरोना का सुपर स्प्रेडर माना जाता है.

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बता दें कि आईसीएमआर और एम्स में साउथ कोरिया की कंपनी एसडी बायोसेंसर ने इस किट का निर्माण किया है, जिसका ट्रायल भी सफल रहा है. पिछले दिनों रैपिड टेस्टिंग किट से जांच के नतीजों पर सवाल उठे थे. इसकी वजह से राजस्थान सरकार इसबार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है.

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