
वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नोटबंदी को लेकर ऐसा बयान दिया है जिससे सरकार और बैंक दोनों की साख पर सवाल उठ रहे हैं. अर्जुन राम मेघवाल ने अजमेर में कहा कि नोटबंदी के दौर में बड़ी संख्या में नकली नोट भी बैंको में जमा हुए हैं, अब आरबीआई नकली नोटों की जांच में जुटा है. जांच के बाद यह खुलासा हो पाएगा कि कितनी संख्या में नकली नोट प्रचलन में थे और उसका दुष्प्रभाव किस तरह अर्थवयवस्था को नुकसान पंहुचा रहा था.
केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने दावा किया कि नोटबंदी का उद्देश्य सफल रहा है. काले धन और नकली नोटों के खिलाफ नोटबंदी कारगर रही है. मेघवाल ने दावा किया कि हम शुरू से कह रहे थे कि भारत में नकली नोट आतंकवाद को बढ़ाने के साथ ही अर्थवयवस्था को नुकसान पंहुचा रहे हैं. लेकिन नोटबंदी के बाद बैंको पर भारी प्रेशेर के चलते बड़ी संख्या में फेक करेंसी भी बैंको में जमा हो गई है. फेक करेंसी को अब आरबीआई चिन्हित करके आंकड़े जुटा रहा है.
अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 'पांच सौ और एक हजार के करीब 86 प्रतिशत करेंसी थी. उस समय जो आंकड़े हमारे पास उपलब्ध थे उसके अनुसार 50 प्रतिशत करेंसी चलन में नहीं थी. नोट के नंबरों से उसकी ट्रैकिंग होती है. वो करेंसी काम नहीं आ रही थी वो या तो बोरो में बंद थे या बक्सों में बंद थी. कुछ ने सोचा चुनाव में खर्च करुंगा या आलिशान शादी में काम में लुंगा. आप जो कह रहे हो कितना वापस आ गया कितना ब्लैक है या कितना व्हाइट है. ये आंकड़े हम 30 दिसंबर के बाद ही बता पाएंगे.
उन्होंने कहा कि कई जगह फेक करेंसी भी जमा हो गई है. क्योंकि जमा करते समय कोई चेक नहीं कर रहा था अब आरबीआई चेक कर रहा है. पूरा आंकड़ा 30 दिसंबर के बाद ही सामने आएगा. उन्होंने कहा कि मुद्रा चलन के लिए है और बोरों में भरकर रखने वालो की मंशा गलत है. यदि किसी के पास मुद्रा है तो वह अपने बैंक में जमा करवा सकता हैं. बोरो में भरकर रखने का क्या ओचित्य है.