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सचिन पायलट बोले- कृषि कानून के जरिए किसानों पर करारा प्रहार, राज्यों से नहीं की गई चर्चा

सचिन पायलट ने कहा कि कृषि कानून के जरिए किसानों पर करारा प्रहार किया गया है. जिस तरह से बिल को राज्यसभा में पारित करवाया गया वह लोकतंत्र की हत्या है.

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (फाइल फोटो) राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (फाइल फोटो)
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 28 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 7:35 PM IST
  • कृषि कानून का विरोध है जारी
  • सचिन पायलट का केंद्र सरकार पर निशाना
  • राज्य से चर्चा नहीं की गई: सचिन पायलट

कृषि कानून को लेकर कांग्रेस आक्रामक मूड में है. राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को कृषि कानून के खिलाफ जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की, तो वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राजभवन जाकर राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन सौंपा. 

सचिन पायलट ने कहा कि कृषि कानून के जरिए किसानों पर करारा प्रहार किया गया है.जिस तरह से बिल को राज्यसभा में पारित करवाया गया वह लोकतंत्र की हत्या है. बिल पास कराने के तरीके से साफ है कि सरकार के पास बहुमत नहीं है. सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस ही नहीं एनडीए के घटक दल भी कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं. 

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राजस्थान के आदिवासी इलाकों में हिंसा को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है. कोई भी सरकार नहीं चाहती है कि कानून-व्यवस्था बिगड़े. कुछ लोगों ने इस आंदोलन को भड़काने का काम किया है. हमारे आदिवासी भाई-बहन हिंसा में विश्वास नहीं करते. सचिन पायलट ने कहा कि जब कांग्रेस जब कृषि कानून का विरोध कर रही है तो इसे राजस्थान में कैसे लागू किया जा सकता है. कृषि राज्य का विषय है, लेकिन किसी से भी कोई चर्चा नहीं की गई. 

सीएम गहलोत ने क्या कहा

वहीं, राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन सौंपने के बाद सीएम गहलोत ने ट्वीट किया कि राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने और संशोधन को लेकर राष्ट्रपति महोदय के नाम ज्ञापन सौंपा दिया है. इससे पहले अशोक गहलोत ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इन फासीवादी लोगों का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है, इसलिए वे ऐसे काम करते रहते हैं जिनसे लोगों का ध्यान बंटे. उन्होंने कहा संसद में जिस तरह से इन तीन विधेयकों को पारित किया गया वह 'शर्मनाक' है.

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