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राजस्थान: शांति और सद्भाव कायम करने के लिए बनेगा अलग विभाग

राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में आपसी भाईचारा बढ़ाने के लिए लोगों के बीच सद्भावना होनी जरूरी है. राजस्थान सरकार अपने स्तर इस तरह के प्रयास करेगी.

(प्रतीकात्मक फोटो) (प्रतीकात्मक फोटो)
aajtak.in
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  • 18 जून 2019,
  • अपडेटेड 8:02 PM IST

राजस्थान में शांति और सद्भाव कायम करने के लिए अलग से विभाग बनाया जाएगा. राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में आपसी भाईचारा बढ़ाने के लिए लोगों के बीच सद्भावना होनी जरूरी है. राजस्थान सरकार अपने स्तर इस तरह के प्रयास करेगी. इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अलग से विभाग बनाने की तैयारी करें. 

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माना जा रहा है कि आम जनता के बीच बीजेपी के हिंदुत्व की विचारधारा की काट के लिए कांग्रेस को पार्टी से ज्यादा सरकार पर भरोसा है. सरकार के जरिए सभी धर्मों को एक समान मानने की विचारधारा फैलाई जाएगी. RSS की विचारधारा से अलग सरकारी अधिकारी लोगों के बीच जाकर आपसी सद्भाव और शांति का पाठ पढ़ाएंगे.

दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यह सुझाव गांधीवादी विचारक डॉ एसएन सुब्बाराव ने जयपुर के एक शिविर में दिया था. तभी से विचार किया जा रहा था कि क्या गांधीवादी विचारधारा को फैलाने के लिए अलग से एक मंत्रालय बनाया जाए या फिर कला एवं संस्कृति विभाग के अंदर ही इसे एक विभाग के रूप में रखा जाए. मगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहली बार सुब्बाराव के 10 दिवसीय शिविर के समापन समारोह में बोलते हुए कहा कि राज्य में शांति और सद्भावना की जरूरत है जिसके लिए सरकारी स्तर पर एक विभाग स्थापित किया जाएगा.

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इस मौके पर गहलोत ने कहा कि सुब्बाराव ने भारतवर्ष की अनेकता में एकता बनाए रखने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है. केवल 13 साल की उम्र में महात्मा गांधी से प्रेरणा लेकर सुब्बाराव देश में शांति और सद्भावना का संदेश देने के लिए निकल पड़े थे. आज वह लाखों युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं.

गहलोत ने ये भी कहा कि आज लोकतंत्र खतरे में है कांग्रेस पार्टी ने देश में लोकतंत्र की स्थापना की थी और इसी वजह से नरेंद्र मोदी दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं.

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