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शीशराम ओला पर गौरव भाटिया की टिप्पणी पर बोले राजस्थान CM गहलोत- माफी मांगें जेपी नड्डा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने भाटिया (Gaurav Bhatia) की टिप्पणी पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को राजस्थान की जनता से माफी मांगने तक की नसीहत दे डाली.

अशोक गहलोत अशोक गहलोत
देव अंकुर
  • जयपुर,
  • 11 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 12:34 AM IST
  • शीशराम ओला पर गौरव भाटिया की टिप्पणी से बवाल
  • सीएम गहलोत ने जेपी नड्डा को घेरा
  • सचिन पायलट ने भी साधा निशाना

बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया (Gaurav Bhatia) द्वारा राजस्थान के कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे दिवंगत शीशराम ओला Sheesh Ram Ola) को लेकर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस ने शनिवार को जमकर भर्त्सना की. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाटिया की टिप्पणी पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को राजस्थान की जनता से माफी मांगने तक की नसीहत दे डाली.

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राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट किया, ''स्वर्गीय शीशराम ओला जी ने 60 सालों से अधिक समय तक सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में रहकर किसानों के हितों की रक्षा की. वे केन्द्र एवं राज्य दोनों सरकारों में अनेकों बार कैबिनेट मंत्री रहे. 1968 में उन्हें समाजसेवा के लिए पद्मश्री सम्मान मिला. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया द्वारा श्री ओला पर की गई टिप्पणियों की मैं भर्त्सना करता हूं. इससे प्रदेश की जनता में भारी आक्रोश पैदा हुआ है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अविलंब राजस्थान की जनता से माफी मांगनी चाहिए."

वहीं, राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस विधायक सचिन पायलट ने भी बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता की टिप्पणी को अमर्यादित एवं दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. पायलट ने कहा, ''कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्व. श्री शीशराम ओला जी पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता की अमर्यादित टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है. देश एवं प्रदेश के विकास में शीशराम जी का योगदान विशालकाय है. इस असभ्य शब्दावली का प्रयोग ऐसे नेताओं की संस्कारहीन सोच का प्रमाण है."

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बता दें कि शीशराम ओला की 1960 के दशक के समय से राजस्थान में कद्दावर नेताओं में गिनती होती थी. उनको किसानों के हितेषी और जमीन से जुड़ा हुआ नेता माना जाता था. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि चौधरी शीशराम ओला देश के किसानों के कद्दावर नेता थे, जिनका जमीनी संघर्ष और जुड़ाव आज भी राजस्थान माटी में समाया है. मरणोपरांत उनके प्रति ऐसी घटिया भाषा का प्रयोग किसानों व राजस्थान के प्रति भाजपाई दुर्भावना को दिखाता है.

 

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