
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कर्नल बैंसला की मुलाकात के बाद 6 बिंदुओं पर गुर्जर आंदोलन को लेकर सहमति बनी है. इसकी घोषणा आज गुर्जर संघर्ष समिति के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला भरतपुर के पीलूपुरा में रेल की पटरी पर जाकर करेंगे, जहां पर आंदोलनकारी पिछले 13 दिनों से रेल की पटरी पर बैठे हुए हैं. इसके साथ ही गुर्जर आंदोलन खत्म हो गया है.
एएनआई के मुताबिक गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कहा, 'हम कल रात सरकार के साथ एक समझौते पर पहुंचे. समुदाय समझौता से सहमत है. हम ट्रैक खाली कर रहे हैं. सभी क्लिपों को फिर से लगा दिया गया है, जो कि बाहर निकाली गई थी. लाइन की जांच की जा रही है. जल्द ही ट्रेन सेवा फिर से शुरू होगी.' वहीं एक वीडियो भी सामने आया है, जहां आंदोलनकारियों ने सहमति बनने के बाद रेलवे ट्रैक की मरम्मत की.
वहीं गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान मरने वाले कैलाश गुर्जर, मानसिंह गुर्जर और बद्री गुर्जर के परिजनों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से पांच लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. परिजनों में एक सदस्य को योग्यता अनुसार नौकरी देने के निर्णय पर भी सहमति बनी है. सरकार की ओर से नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए हैं.
इसके अलावा एमबीसी वर्ग के 1252 अभ्यर्थियों को नियमित वेतन श्रृंखला के समकक्ष लाभ देने का आदेश कार्मिक विभाग की ओर से जारी किया गया है. इसके तहत उन समस्त कर्मियों को परिलाभ का लाभ मिलेगा. इसके तहत सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अधीन बकाया परिलाभ भी हो देय होंगे. साथ ही गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान 11 नवंबर 2020 तक दर्ज मुकदमे निस्तारित होंगे. क्रमबद्ध रूप से मुकदमे वापस करने के लिए त्रैमासिक बैठक की जाएगी. दुर्भावनापूर्ण कोई नई गिरफ्तारी नहीं होगी.
समिति का गठन होगा
इससे पहले गुर्जर आरक्षण को लेकर बनी मंत्रिमंडलीय उप समिति और गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई. हालांकि बैकलॉग को लेकर सहमति नहीं बन पा रही थी. बैकलॉग को लेकर तय हुआ कि प्रक्रियाधीन भर्तियों के संबंध में एक समिति का गठन किया जाएगा. समिति भर्ती के प्रक्रियाधीन माने जाने के विषय का विधिवत आधारों सहित इस संबंध में अन्य राज्यों के नियमों के संदर्भ में परीक्षण करेगी. समिति इस संबंध में आरक्षण संघर्ष समिति का भी पक्ष सुनेगी.
समझौते में मलारना डूंगर में हुए समझौते बिंदु पांच के अनुसार भी कार्रवाई सुनिश्चित की गई है. देवनारायण योजना के अंतर्गत जयपुर में एमबीसी वर्ग की बालिकाओं के छात्रावास के लिए 50 बेड स्वीकृत किए जा चुके हैं. 50 और नए बेड भी स्वीकृत किए जाएंगे. वहीं गुर्जर आरक्षण को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में एक बार फिर से चुनौती दी गई है.