
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत में अधिकांश आतंकी हमले पाकिस्तानी सरजमीन से हुए हैं और पड़ोसी मुल्क को इस ओर ईमानदारी के साथ सख्त कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अगर इस्लामाबाद अपने यहां आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करता है तो भारत उसके साथ खड़ा होगा.
आतंकवाद विरोधी सम्मेलन में बोलते हुए गृह मंत्री ने कहा, 'अगर पाकिस्तान अपने यहां के आतंकवादियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करता है तो उससे द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में शांति और स्थिरता आएगी. उन्होंने आगे कहा, 'भारत में होने वाले अधिकांश हमले पाकिस्तान से होते हैं और पाकिस्तान को कुछ गंभीरता दिखानी होगी और आतंकी समूहों पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे.'
भारत को सर्तक रहने की जरूरत
आईएसआईएस के संदर्भ में गृह मंत्री ने कहा, 'इंटरनेट की शक्ति का दोहन करके और वैचारिक प्रोत्साहन के जरिए दाएश और अलकायदा जैसे आतंकी समूहों ने इंटरनेट पर बम बनाने और आत्मघाती हमलों से जुड़े साहित्य की बाढ़ ला दी है, जिससे मौजूदा समय में ‘डू इट योरसेल्फ’ आतंकवादियों का खतरा पैदा हुआ है.' उन्होंने कहा कि भारत को इस तरह की आशंका को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है.
संवेदनशील सुरक्षा उपाय की जरूरत
राजनाथ सिंह ने बीते कुछ समय में सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर संतुष्टि भी जताई, लेकिन साथ ही कहा, 'देश की सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने की जरूरत है. इस तरह के खतरों का मुकाबला करने के लिए हमें और संवेदनशील सुरक्षा उपाय करने की जरूरत है.' गृह मंत्री ने आगे कहा कि दुनिया को समझना होगा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं है और यह पूरी मानवता के खिलाफ है.
गृह मंत्री ने आगे कहा, 'मेरा मानना है कि आतंकवाद एक विकृत मानसिकता है. यह विकृति का एक उप-उत्पाद है, जिसे मनुष्य या मानवता से कोई प्यार नहीं है.'