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राजस्थान के करौली में नव संवत्सर के अवसर पर रैली पर पथराव के बाद हुई आगजनी की घटना के दौरान एक पुलिसकर्मी ने साहस दिखाते हुए एक मासूम सहित तीन लोगों को सुरक्षित निकाला. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी सराहना की और कांस्टेबल से फोन पर बात कर पदोन्नति का तोहफा दिया.
शहर के अन्य क्षेत्रों में भी बवाल देखने को मिला, जहां दुकानें आग का गुबार नजर आ रही थीं और आस-पास लोग बेहद डरे हुए नजर आ रहे थे. अचानक हुई घटना के बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया. लेकिन इस बीच मौके पर पुलिस ने पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में करने का प्रयास किया.
पुलिस का एक जवान ऐसा भी था जो दुकान में आग लगने के दौरान वहां फंसे मासूम और महिलाओं को बचाने का प्रयास करता नजर आया. हम बात कर रहे हैं करौली शहर चौकी पर तैनात कांस्टेबल नेत्रेश की. करौली के फूटा कोट क्षेत्र स्थित दो दुकानों में आग लगने के बाद एक मासूम सहित दो महिलाएं आग की जलती लपटों के बीच बेहद डरी और सहमी नजर आईं. महिलाओं की गोद में बैठा मासूम लगातार रो रहा था. इस दौरान कॉन्स्टेबल नेत्रेश की नजर उस मासूम और महिलाओं पर पड़ी. नेत्रेश ने महिलाओं के पास मौजूद दुपट्टे से मासूम को ढंक कर उठाया और तेजी से बाहर निकाला. साथ ही उन्हें सकुशल स्थान पर पहुंचाया.
जलती दुकानों के बीच कांस्टेबल नेत्रेश ने अपनी जान की परवाह किए बिना मासूम और महिलाओं को सुरक्षित बाहर निकाला. कानस्टेबल नेत्रेश के इस काम की जितनी भी सराहना की जाए वह कम है. नेत्रेश के इस कार्य की जिले सहित प्रदेश में सभी जगह सराहना की जा रही है. नेत्रेश की बहादुरी को देख मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी उन्हें फोन कर बधाई और शुभकामनाएं दी. साथ ही उनके द्वारा किए गए कार्य की प्रशंसा की.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने नेत्रेश को कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल के पद पदोन्नत करने की बात कही. नेत्रेश ने बताया कि लोगों की सेवा के लिए उन्होंने पुलिस सेवा की तैयारी की और वर्ष 2013 में उन्हें पुलिस कांस्टेबल के रूप में नियुक्त किया गया. वर्तमान में नेत्रेश करौली शहर चौकी पर कॉन्स्टेबल के रूप में तैनात हैं और लगातार आम लोगों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं.