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करणी सेना का ऐलान- पद्मावती महल को भव्य मंदिर में बदलेंगे

राष्ट्रीय करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने कहा कि पद्मिनी महल को माता पद्मिनी के भव्य मंदिर के रुप में विकसित किया जाए. इसके लिए एएसआई और केंद्र सरकार से पद्मिनी महल को राजपूतों को सौंपने के लिए कहा है.

पद्मावती विवाद पद्मावती विवाद
अंकुर कुमार/शरत कुमार
  • चित्तौड़गढ़,
  • 23 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:26 AM IST

चित्तौड़गढ़ में यूं तो पद्मावती की पूजा पहले से होती है. अब चित्तौड़ के लोगों ने एलान किया है कि अब इस जगह पर माता पद्मावती का भव्य मंदिर बनेगा. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पद्मावती को राष्ट्रमाता बताया और यूपी के मुख्यमंत्री ने देवी माता बताया तो अब चित्तौड़ के लोगों ने इन्हें देवी का रुप बताते हुए उनकी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी. पद्मिनी की पूजा करते हुए लोगों ने इनहें सती माता का दर्जा देते हुए पूजा अर्चना की.

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राष्ट्रीय करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने कहा कि पद्मिनी महल को माता पद्मिनी के भव्य मंदिर के रुप में विकसित किया जाए. इसके लिए एएसआई और केंद्र सरकार से पद्मिनी महल को राजपूतों को सौंपने के लिए कहा है. करणी सेना का मानना है कि पद्मिनी महल को लेकर इससे हमेशा के लिए विवाद खत्म हो जाएगा और अलाउद्दीन खिलजी के वहां पहुंचकर रानी पद्मिनी को कांच में देखने की झूठी बात भी खत्म हो जाएगी.

करणी सेना समेत सर्व समाज के लोगों का कहना है कि यहां पहले से ही माता पद्मावती की पूजा होती है और 15वीं सदी में राणा कुंभा ने उनके सुरंग में गोमुख के पास उनकी प्रतिमा बनाकर पूजा शुरू की थी. उनकी पूजा अर्चना रोज होती है और अखन्ड ज्योति जल रही है. जौहर स्मृति संस्थान ने किले के अंदर दिल्ली के अक्षरधाम जैसा भव्य मंदिर बनाने की मांग की है.

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चित्तौड़गढ़ के लोग और करणी सेना अब एएसआई को प्रस्ताव भेजकर पद्मिनी महल को सती माता पद्मिनी महल में बदलने की मांग करेगी. इसके लिए राजस्थान सरकार को जौहर समि‍ति प्रस्ताव भेजेगी. करणी सेना का कहना है कि जहां पर विवादित पद्मिनी महल है उसे अब विशाल मंदिर का रुप दिया जाएगा, जिसमें पद्मिनी माता की मूर्ति होगी.

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