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कोटा में अब तक 110 बच्चों की मौत, कटघरे में राजस्थान सरकार

राजस्थान के कोटा में बच्चों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़कर रविवार को 110 पहुंच गया है. 

जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़कर रविवार को 109 पहुंच गया (फोटो-PTI) जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़कर रविवार को 109 पहुंच गया (फोटो-PTI)
शरत कुमार
  • कोटा,
  • 05 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 10:24 AM IST

  • बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 110 पहुंचा
  • जांच पैनल हाइपोथर्मिया के कारण हुई मौतें

राजस्थान के कोटा में बच्चों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़कर रविवार को 110 पहुंच गया है. 

क्यों हो रही हैं मौतें

अस्पताल में 100 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद सरकार ने जांच पैनल नियुक्त किया था. विशेषज्ञों की टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि हाइपोथर्मिया (शरीर का तापमान असंतुलित हो जाना) के कारण बच्चों की मौत हुई है. अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की कमी भी इसकी वजह हो सकती है.

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राजस्थान सरकार द्वारा बच्चों की मौतों के कारण का पता लगाने के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में पुष्टि की है कि हाइपोथर्मिया के कारण शिशुओं की मौत हुई है.

हाइपोथर्मिया क्या होता है

हाइपोथर्मिया एक ऐसी आपात स्थिति होती है, जब शरीर का तापमान 95 एफ (35 डिग्री सेल्सियस) से कम हो जाता है. वैसे शरीर का सामान्य तापमान 98.6 एफ (37 डिग्री सेल्सियस) होता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल में बच्चे सर्दी के कारण मरते रहे और यहां पर जीवन रक्षक उपकरण भी पर्याप्त मात्रा में नहीं थे. नवजात शिशुओं के शरीर का तापमान 36.5 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए, इसलिए उन्हें वार्मरों पर रखा गया, जहां उनका तापमान सामान्य रहता है. हालांकि अस्पताल में काम कर रहे वार्मर की कमी होती गई और बच्चों के शरीर के तापमान में भी गिरावट जारी रही.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि 28 में से 22 नेबुलाइजर दुष्क्रियाशील (डिसफंक्शनल) मिले। वहीं 111 में से 81 जलसेक (इनफ्यूजन) पंप काम नहीं कर रहे थे और पैरा मॉनिटर और पल्स ऑक्सीमेटर्स के हालात भी खस्ता थे.

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