
राजस्थान में एक व्यक्ति ने पुलिस को पूर्व मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता के नाम से कॉल किया और हवालात में बंद एक युवक को जल्द जमानत देने की बात कही. बाद में पुलिस ने इस कॉल स्पूफ करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया. जानें क्या है पूरा मामला
खुद को बताया पूर्व मुख्य सचिव
मुहाना थाना पुलिस ने जानकारी दी कि सोमवार देर शाम उसने शांति भंग करने के आरोप में योगेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया था. इसी बीच उसके भाई बलवंत सिंह ने एसीपी कार्यालय के बाहर से एसीपी मानसरोवर संजीव चौधरी को फर्जी कॉल करके खुद को पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता बताया और उसे जल्द रिहा करने के आदेश दिए.
शक होने पर तुरंत किया गिरफ्तार
पुलिस को कॉल पर तुरंत शक हुआ और एसीपी मानसरोवर संजीव चौधरी ने योगेंद्र को रिहा करने से मना कर दिया. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बलवंत को भी गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी पर बलवंत सिंह ने खुद को एक राजनीतिक पार्टी से जुड़ा बताया, लेकिन उसका यह दावा भी फर्जी पाया गया. अब पुलिस इस कॉल स्पूफिंग के पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है.
साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि अपराधी इन दिनों VOIP यानी वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल सर्वर के ज़रिए कॉल करते हैं. इन दिनों कॉल स्फूफिंग के लिए कई ऐप आ रहे हैं.
नकली नोट छापने वाला युवक भी गिरफ्तार
जयपुर पुलिस ने जानकारी दी कि उसने घर पर नकली नोट छापने वाले एक युवक को दो लाख रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया है. घटना जयपुर के करधनी थाने इलाके की है. आरोपी युवक रूप सिंह उर्फ रूपी मूल रूप से भरतपुर का है. वह लोगों के सरकारी दस्तावेज बनाने के लिए ई-मित्र के तौर पर काम करता था. लालच में आकर उसने नौकरी छोड़ दी और घर पर नकली नोट बनाने लगा. पुलिस ने नकली नोट बनाने वालों के गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने 5.80 लाख रुपए के नकली नोट व नोट बनाने की मशीन जब्त की है.