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मुस्लिम धर्मगुरु गाजी फकीर सुपुर्द-ए-खाक, कोरोना के बावजूद जुटी हजारों की भीड़

गहलोत सरकार में मंत्री सालेह मोहम्मद के पिता गाजी फकीर काफी दिन से बीमार चल रहे थे. कुछ दिन पहले वे कोमा में चले गए थे. मंगलवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे उन्होंने अंतिम सांस ली.

गाजी फकीर को उनके पैतृक गांव में दफनाया गया गाजी फकीर को उनके पैतृक गांव में दफनाया गया
aajtak.in
  • जैसलमेर,
  • 27 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 9:53 PM IST
  • गाजी फकीर की उम्र 84 साल थी
  • वे कई दिनों से कोमा में थे
  • मंगलवार तड़के उन्होंने आखिरी सांस ली

पश्चिमी राजस्थान में मुस्लिम समाज के धर्मगुरु और कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद के पिता गाजी फकीर का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार तड़के 2 बजे जोधपुर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वो 84 साल के थे. इसकी जानकारी मिलने पर मुस्लिम समाज और अन्य समुदायों के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई. वे पिछले कुछ दिनों से कोमा में चल रहे थे. गाजी फकीर को मंगलवार को उनके पैतृक गांव में सुपुर्द-ए-खाक किया गया.

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मंगलवार सुबह उनके पैतृक गांव झाबरा में उनका शव लाया गया, जहां करीब 10,000 से ज्यादा उनके अनुयाईयों ने पहुंचकर उनके अंतिम दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि दी. जैसलमेर बाड़मेर के साथ आस-पास के कई क्षेत्रों से उनके चाहने वाले उनके गांव पहुंचे. इसके बाद उनके घर से लेकर गांव की दरगाह तक उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई. बाद में झबरा गांव की दरगाह में गाजी फकीर के पिता की कब्र के पास ही मुस्लिम समाज की रीतियों के अनुसार सपुर्द-ए-खाक किया गया. उससे पहले अंतिम नमाज अदा की गई और लोगों ने उन्हें नम आंखो से विदाई दी.

हालांकि, उनके बेटे और राजस्थान सरकार में मंत्री सालेह मोहम्मद ने लोगों से अपील की थी कि कोरोना संक्रमण के चलते गाइडलाइन का पालन करें और अपने घरों में ही रहें. क्योंकि सालेह मोहम्मद भी कोरोना पॉजिटिव थे, लेकिन उसके बावजूद दूरदराज से सिंधी मुसलमानों के अनुयाइयों और 36 जातियों के लोगों ने उनकी अपील को नकारते हुए गाजी फकीर के अंतिम दर्शन करने पहुंच गए. गाजी फकीर की अंतिम यात्रा में 4 से 5 हजार लोगों की भीड़ उमड़ी. 

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गाजी फकीर जैसलमेर, बाड़मेर सहित राजस्थान के सिंधी मुसलमानों में अच्छी खासी पकड़ रखते थे. पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भी उनके निधन का समाचार मिलने पर वहां से भी उनके लिए शोक संदेश आने लगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा समेत अन्य नेताओं ने ट्वीट कर उनके लिए शोक संदेश भिजवाए. इसके अलावा जैसलमेर जिला कलेक्टर आषीष मोदी ने भी उनके निधन पर शोक संदेश भेजा है.

असल में जैसलमेर निवासी गाजी फकीर पाकिस्तान में मुस्लिम समाज के बड़े धर्मगुरु पीर पगारों के नुमाइंदे थे. जैसलमेर-बाड़मेर की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले गाजी फकीर का पूरा परिवार लंबे अरसे से राजनीति में सक्रिय है. गहलोत सरकार में मंत्री सालेह मोहम्मद के पिता गाजी फकीर काफी दिन से बीमार चल रहे थे. कुछ दिन पहले वे कोमा में चले गए थे. उन्हें जोधपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मंगलवार सुबह करीब साढ़े तीन बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके 6 पुत्र हैं.

(रिपोर्टः विमल भाटिया)

 

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