
पहलू खान मॉब लिंचिंग केस में अलवर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 6 आरोपियों को बरी कर दिया है. सरकारी वकील ने कहा है कि इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे. वहीं बचाव पक्ष के वकील का कहना है कि अदालत ने इस मामले में ऐतिहासिक फैसला दिया है. बचाव पक्ष के वकील हुकुम चंद ने कहा कि जो लोग इस मामले को संसद में उठाकर सियासी रोटियां सेंक रहे थे उन्हें जवाब मिल गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में सरकारी पक्ष अदालत में सबूतों को साबित करने में नाकाम रहा, वहीं कुछ गवाह भी पलट गए. पहलू खान मामले में आरोपियों के बरी होने की मुख्य वजहों को इन बिंदुओं में समझा जा सकता है.
1. कोर्ट ने घटनास्थल के वीडियो को ऐडमिसेबल सुबूत नहीं माना है.
2. कोर्ट ने यह भी कहा है कि पुलिस ने वीडियो की एफएसएल जांच नहीं करवाई है. ऐसे में वीडियो को सुबूत के तौर पर नहीं रखा जा सकता है.
3. कोर्ट ने यह कहा कि वीडियो बनाने वाले शख्स ने वीडियो बनाने के बारे में सही-सही जानकारी नहीं दी.
4. कोर्ट ने जजमेंट में कहा कि आरोपियों की शिनाख्त परेड जेल में नहीं कराई गई है ऐसे में गवाहों पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता है.
5. मोबाइल की सीडीआर को भरोसेमंद सुबूत के तौर पर नहीं माना जा सकता है.
6. कैलाश अस्पताल के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पिटाई की बात स्पष्ट नहीं थी.
7. पहलू खान ने जिन 6 लोगों का नाम डाईंग डिक्लेरेशन में बताया था वे लोग आरोपियों में शामिल नहीं थे. इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा कि पहलू खान का बेटा कोर्ट के अंदर भी आरोपियों की पहचान नहीं कर सका.
बता दें कि हरियाणा के नूंह के रहने वाले पहलू खान पर राजस्थान के अलवर जिले में 1 अप्रैल 2017 को हमला किया गया था. पहलू खान अपने दो बेटों के साथ उमर और ताहिर के साथ जयपुर के पशु बाजार से गाय और दूसरे दुधारू जानवर खरीदकर लौट रहे थे. इस दौरान अलवर में नेशनल हाई वे 8 पर कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया था और उन्हें पीट दिया था. इस हमले में पहलू खान घायल हो गए थे. 4 अप्रैल 2017 को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी. राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरुप ने कहा है कि राज्य सरकार इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेगी.