
राजस्थान की राजनीति में कई दिनों से उठे तूफान में सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने और हवा तब दे दी, जब मुख्यमंत्री कार्यालय से बयान जारी कर कहा गया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पोस्ट कोविड रिकवरी कर रहे हैं और डॉक्टरों ने सलाह दी है कि डेढ़ से दो महीने तक किसी से नहीं मिल सकते हैं. वह लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही लोगों से जुड़े हैं और आगे भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही लोगों से जुड़े रहेंगे.
माना जा रहा है कि ऐसे समय में यह बयान इसलिए जारी किया गया है, क्योंकि सचिन पायलट गुट लगातार मंत्रिमंडल में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर दबाव बनाए हुए है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसके जरिए यह संदेश देना चाहते हैं कि वह किसी के दबाव में नहीं झुकेंगे. यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान उनसे मिलना चाह रहा था, जिसकी वजह से वह किसी से भी मीटिंग टाल रहे हैं.
हालांकि, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने गुट के और बीएसपी से आए कुछ विधायकों से मुलाकात कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री निवास से जारी इस तरह के बयान को लेकर राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.
ट्विटर पर भिड़े गहलोत के मंत्री और पायलट के विधायक
उधर, राजस्थान सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद खास चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग और सचिन पायलट के नजदीकी विधायक वेद प्रकाश सोलंकी के बीच ट्विटर पर सियासी घमासान छिड़ गया. सुभाष गर्ग लोकदल के टिकट पर जीतकर मंत्री बने हैं और भरतपुर से आते हैं. माना जा रहा है कि सुभाष गर्ग ने सियासी निशाना पायलट गुट पर साधा था.
मंत्री सुभाष गर्ग ने ट्वीट किया था, ''यह मौसम है ही ऐसा, आतुर है परिंदे घोंसले बदलने के लिए.'' इसके बाद इस ट्वीट का विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने जवाब दिया है. उन्होंने लिखा कि कुछ परिंदे खुद का घोंसला कभी नहीं बनाते, वे दूसरों के बनाए घोंसलों पर ही कब्जा करते हैं. खुद का मतलब पूरा होते ही फिर उड़ जाते हैं. अगले सीजन में फिर किसी का घोंसला कब्जा लेते हैं.