
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का दो दिन का राजस्थान दौरा आज ख़त्म हो गया. राहुल गांधी ने दो दिनों में राजस्थान के चार ज़िलों में 5 किसान सभा और आधा दर्जन जगहों पर किसानों से बातचीत की. इस पूरे दौरे में राहुल कृषि बिल के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते नज़र आए. हालांकि, राजस्थान कांग्रेस का अंदरूनी झगड़ा राहुल के इस दौरे में चर्चा का विषय रहा.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी अजमेर ज़िले के रूपगढ की किसान सभा में ट्रैक्टर पर बैठ कर आए. ट्रैक्टर से उन्होंने किसानों को संबोधित किया. राहुल गांधी ने फिर से कृषि बिल पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि यह कृषि बिल किसानों को गुलाम बनाने के लिए है.
इसके बाद राहुल गांधी ने नागौर ज़िले के मकराना में किसानों को संबोधित किया. जहां पर उन्होंने तीनों कृषि बिल के मसले पर कहा कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी किसानों के साथ खड़े हैं. मैंने कोरोना के समय बयान दिया तो मीडिया ने मज़ाक बनाया, पर मेरी बात सही निकली.
हालांकि, राजस्थान में यह रैली सचिन पायलट को किनारे लगाने में सीएम अशोक गहलोत के गुट की कोशिशें चर्चा में रही. एक तरफ रूपनगढ़ की सभा में सचिन पायलट को बोलने का मौक़ा नहीं मिला. तो दूसरी तरफ गहलोत और राहुल की मौजूदगी में पायलट ज़िंदाबाद के नारे लगे.
गौरतलब है कि राहुल का दौरा कई मायनों में सियासी दौरा था. उन्होंने पहले दिन सिख और जाट बहुल इलाकों पीलीबंगा और पदमपुर में किसान सभा की. फिर दूसरे दिन जाट और गुर्ज़र बहुल इलाकों रूपनगर और मकराना में किसानों को संबोधित किया. परबतसर में राहुल ऊंट गाड़ी पर बैठे तो रूपनगढ़ से पहले सुरसुरा में जाटों के लोक देवता तेजाजी के भी दर्शन किए.