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राजस्थान के जयपुर में कांग्रेस के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ. इसमें पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा- हमारी लक्ष्मण रेखा सत्य है. जहां हम हमें सत्य दिखेगा वहां हम रहेंगे. सवाल ये उठता है कि घर से भागता कौन है. हम गुस्सा हो सकते हैं, भाग नहीं सकते. हम नफरत और डर को निकाल देंगे. आज समाज में नफरत, डर फैलाये जा रहे हैं. सच्चाई को दबाया जा रहा है. नोटबन्दी, जीएसटी जैसे गलत कदम उठाए गए. हमारी जिम्मेदारी नफरत से लड़ना और देश को सच्चाई बताना है. कृषि कानूनों की सच्चाई देश को बतानी है. हर लेवल पर इस तरह की ट्रेनिंग होनी चाहिए. सभी पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं को यह ट्रेनिंग लेनी चाहिए.
'...तो मनमोहन सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया होता'
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चीन से जुड़े मुद्दे पर घेरने की कोशिश की. जयपुर के बाड़ा पदमपुरा में कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, "अगर डॉ मनमोहन सिंह के समय चाइना ने भारतीय जमीन पर कब्जा किया होता तो मनमोहन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया होता जबकि मोदी इस मुद्दे को लेकर बैठे हुए हैं."
'प्यार से करना है RSS की नफरत की राजनीति का सामना'
राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि आरएसएस की नफरत की राजनीति का सामना प्यार से करना है. राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के आला नेताओं, जिनमें राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा शामिल थे. उन्होंने भी भाजपा को जमकर खरी खोटी सुनाई.
'धर्म की राजनीति करते हैं यह लोग'
राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रशिक्षण शिविर ने बोलते हुए कहा कि,"यह लोग धर्म की राजनीति करते हैं क्योंकि इनके पास दिखाने के लिए कुछ और नहीं है कांग्रेस ने इस देश के लोगों के दिलों पर राज किया है." शिविर में प्रदेश भर से लगभग 300 प्रशिक्षु आए जिनको कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने प्रशिक्षण दिया।
राहुल ने कहा जिसको हम हिंदू धर्म कहते हैं या जिसे मुसलमान इस्लाम कहते हैं, यह सत्य को ढूंढने के रास्ते हैं. हिंदुत्ववादियों के लिए धर्म रास्ता नहीं है. वह धर्म को राजनीतिक हथियार में बदल देते हैं. जब हम धर्म को राजनीति हथियार में बदल देते हैं, तो हम उसका अपमान करते हैं. हम धर्म का उपयोग करते हैं सत्य की राह पर चलने के लिए, यह समझना जरूरी है.