
राजस्थान के भीलवाड़ा शहर (Rajasthan Bhilwara) में भगवान चारभुजा की बारात निकाली जा रही थी. इसमें प्रशासन ने केवल 100 लोगों को अनुमति दी थी, मगर बारात में डेढ़ हजार से अधिक लोग पहुंच गए. इसी बीच निर्धारित मार्ग की जगह दूसरे रास्ते पर जाने को लेकर हंगामा हो गया जिससे पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ा.
भीलवाड़ा शहर में सोमवार को तुलसी संग ब्याह रचाने को कोटडी कस्बे से भगवान चारभुजा नाथ की बारात निकाली गई. इसमें हजारों लोग शामिल होने ऋषि श्रृंग संस्थान पहुंचे. भीड़ को पुलिस और प्रशासन ने तिलक नगर में रोक लिया. प्रशासन का कहना था कि कार्यक्रम को लेकर शहर के भीतरी इलाके के बड़े मंदिर तक जाने के लिए 100 लोगों को ही प्रवेश की अनुमति है, लेकिन भीड़ में मौजूद सभी डेढ़ हजार लोग हंगामा कर बड़ा मंदिर जाने की जिद करने लगे. लोग जबरन आगे बढ़ने लगे तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ा. मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया.
कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ नारे भी लगाए. इस विवाद को लेकर शहर के भीतरी इलाके के बड़ा मंदिर क्षेत्र के बाजार बंद हो गए. अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया. अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर एनके राजौरा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ज्येष्ठा मेत्रिय ने मामले का जायजा लिया.
'सौहार्दपूर्ण तरीके से करें आयोजन'
भाजपा के भीलवाड़ा शहर विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी ने कहा कि यह शुद्ध धार्मिक आयोजन है. तुलसी विवाह का आयोजन किया है. भगवान चारभुजा नाथ कोटडी से पधार रहे हैं, उनके लिए जनता पलक पावड़ें बिछाकर आयोजन रखती है तो प्रशासन को संवेदनशीलता से लेना चाहिए. भविष्य में कोई भी समाज किसी भी तरह का कोई धार्मिक आयोजन करे, उसे सौहार्दपूर्ण तरीके से करें.
BJP के जहाजपुर से विधायक गोपीचंद मीणा ने कहा कि कोटड़ी चारभुजा नाथ की बारात में भक्तगण आए. शांतिपूर्ण तरीके आगे बढ़ रहे थे, लेकिन राजस्थान की गहलोत सरकार के इशारे पर प्रशासन ने रोक दिया. बेरिकेड्स लगाकर परेशान किया गया. प्रशासन ने अनुमति दे रखी थी, लेकिन सरकार ने प्रशासन को दबाव में लेकर लाठीचार्ज करा दिया.
रिपोर्टः प्रमोद तिवारी