
राजस्थान सरकार ने स्वीकार किया है कि राज्य में टेलीफ़ोन टैप किए जा रहे हैं. BJP के विधायक कालीचरण सर्राफ के सवाल के जवाब में राजस्थान विधानसभा की वेबसाइट पर कहा गया है कि नियमों के मुताबिक कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सक्षम अधिकारी द्वारा टेलीफोन टैप किए गए हैं. टेलीफोन टैप के नवंबर 2020 तक के सभी मामलों की समीक्षा राज्य के मुख्य सचिव ने की है.
लेकिन इस जवाब में विधायक कालीचरण सर्राफ के इस सवाल का जवाब नहीं दिया है कि किस अधिकारी के निर्देश पर टेलीफोन टैप हुए हैं और किन-किन लोगों के टेलीफोन टैप हुए हैं, विधायक कालीचरण सर्राफ ने कहा कि ''8 महीने पहले उन्होंने सवाल लगाया था मगर आज तक उन्हें लिखित में जानकारी नहीं मिली है.''
राजस्थान में सियासी संकट के दौरान राजस्थान सरकार पर आरोप लगे थे कि विधायकों और मंत्रियों के टेलीफोन टैप किए जा रहे हैं और इसे लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने भी सरकार पर आरोप लगाए थे. तब राजस्थान सरकार की तरफ से कहा गया था कि किसी भी विधायक और मंत्री का टेलीफोन टैप नहीं हो रहा है. मगर सरकार ने इस मामले में कोई भी जवाब अब तक नहीं दिया है. मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने भी टेलीफोन टैपिंग पर राजस्थान सरकार से रिपोर्ट मांगी थी.
राजस्थान में सियासी संकट के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह का तथाकथित टेप और विधायक भंवरलाल शर्मा का भी तथाकथित टेप जारी हुआ था, जिसे लेकर भारी बवाल मचा था. राजस्थान सरकार अब तक इनके बारे में भी कोई जानकारी नहीं दे पाई है. जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि ये टेप गलत होंगे तो राजनीति छोड़ दूंगा.