
राजस्थान में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दिलवाने के लिए सूबे की गहलोत सरकार 'राइट टू हेल्थ' कानून लाएगी. राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने इसके बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकार ने जनघोषणा पत्र में सबजन को स्वास्थ्य अधिकार को लेकर वादा किया था जिसे वह पूरा करेंगे.
उन्होंने आगे कहा, "सरकार इसके प्रति संकल्पित है. हमारा मकसद सिर्फ कानून लाना नहीं बल्कि आमजन को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है."
स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि कानून के बाद बनने वाले नियमों व पालन के तरीके, रिवार्ड और पनिशमेंट सिस्टम लाने, मैनपावर की कमी को दूर करने, मॉनिटरिंग जैसे कई अहम विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई है. कानून लाने से पहले हर विषय पर पूरा शोध किया जा रहा है ताकि आमजन को कानून लाने के बाद स्वास्थ्य सुविधाओं में परिवर्तन महसूस हो.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 'राइट टू हेल्थ' एक्ट के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम की सलाहकार समिति के सदस्यों के साथ बुधवार को एक बैठक में चर्चा की. स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि अभी स्वास्थ्य पर राज्य के कुल GDP का सिर्फ 1.4 प्रतिशत ही खर्च किया जा रहा है.
बैठक में कानून लाने के बाद छोटी यूनिट्स को ज्यादा मजबूत करने, अस्पतालों में कैमरे लगाने, ग्रामीण और शहरी कैडर की तरफ काम करने, केंद्रों पर न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध करवाने, दवाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित करवाने, ट्रांसफर पॉलिसी बनाने जैसे विषयों पर बातचीत की गई.