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राजस्थान चुनाव: अलवर शहर में किसे मिलेगी सत्ता?

राजस्थान में विधानसभा की कुल 200 सीट हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में इनमें से 163 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली थी. जबकि कांग्रेस महज 21 विधानसभा सीट ही जीत पाई थी.

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जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 3:35 PM IST

रजवाणों की भूमि राजस्थान एक बार फिर विधानसभा रण के लिए तैयार है. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों मुख्य दलों के नेता जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. बीजेपी की जिम्मेदारी जहां मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कंधों पर है तो वहीं कांग्रेस को युवा नेता सचिन पायलट लीड कर रहे हैं.

विधानसभा का समीकरण

राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं. इनमें 142 सीट सामान्य, 33 सीट अनुसूचित जाति और 25 सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसने 163 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई थी. बहुजन समाज पार्टी को 3, नेशनल पीपुल्स पार्टी को 4, नेशनल यूनियनिस्ट जमींदारा पार्टी को 2 सीटें मिली थीं. जबकि 7 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे.

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अलवर जिले का चुनावी समीकरण

अलवर जिला मेवात-ब्रज-मत्स्य रीजन में आता है और यहां कुल 11 विधानसभा सीट हैं. 2013 के चुनाव में जिले में कुल  20,49,391 वोटर्स थे, जिनमें से 15,87,064 लोगों (77.4%) ने अपने मतों का इस्तेमाल किया था. यहां 8 सीटें सामान्य वर्ग के लिए हैं, 2 सीट अनुसूचित जाति (SC) और 1 सीट अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित है.

सामान्य सीटों में तिजारा, किशनगढ़बास, मंडावर, बहरोड़, बानसूर, थानागजी, अलवर शहर, रामगढ़ है, जबकि अलवर ग्रामीण और कठुमार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. राजगढ़ सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है.

यह जिला राज्य में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला क्षेत्र है. यहां करीब 15 फीसदी मुस्लिम आबादी है. पिछले कुछ सालों में अलवर जिला गोतस्करी और मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर देशभर में चर्चा का विषय बना है. ऐसे में गोतस्करी का मुद्दा चुनाव प्रचार का केंद्र भी बना है. यहां यादवों की आबादी भी खासा प्रभुत्व है.

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अलवर शहर सीट

2011 की मतगणना के अनुसार इस विधानसभा क्षेत्र की आबादी करीब 3 लाख 48 हजार है. यहां की 18 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति है. यह सीट अलवर लोकसभा क्षेत्र के तहत आती है, जहां से 2014 में बीजेपी उम्मीदवार को जीत मिली थी, लेकिन 2018 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के करण सिंह यादव यहां से सांसद निर्वाचित हुए.

2013 चुनाव का रिजल्ट

बनवारी लाल सिंघल (बीजेपी)- 84,791 (61%)

नरेंद्र शर्मा (कांग्रेस)- 22,562 (16%)

अभय सैनी (NPEP)- 17,413 (13%)

2008 चुनाव का रिजल्ट

बनवारी लाल सिंघल (बीजेपी)- 49,075 (48%)

नरेंद्र शर्मा (कांग्रेस)- 35,367 (35%)

नीलेश खंडेलवाल (बीएसपी)- 7813 (8%)

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