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राजस्थान: बागियों को बख्शने के मूड में नहीं कांग्रेस, 28 नेताओं को निकाला

नामांकन वापसी का दिन खत्म होने के बाद भी कांग्रेस ने अपने बागी नेताओं को 3 दिन का समय दिया था और कहा था कि पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन में वह अपना नाम वापस ले लें. पर बागी नेता इसके लिए तैयार नहीं हुए.

फोटो-Twitter/@rajasthancongress फोटो-Twitter/@rajasthancongress
शरत कुमार/पन्ना लाल
  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:27 AM IST

राजस्थान कांग्रेस ने अपने 28 बागियों को पार्टी से 6 साल के लिए बाहर कर दिया है. विधानसभा चुनाव के लिए टिकट न मिलने को लेकर बगावत पर उतारू कांग्रेस ने पहले इन नेताओं को मनाने की कोशिश की, पार्टी की एकता का वास्ता दिया, राज्य में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया, लेकिन बागी झुकने को तैयार नहीं हुए.

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आखिरकार कांग्रेस ने ऐसे 28 नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर निकाल दिया है. युवक कांग्रेस के भी 6 नेताओं को पार्टी से बाहर किया गया है. पार्टी से निकाले गए नेताओं में 3 पूर्व मंत्री, एक पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और तीन पूर्व विधायक हैं. नामांकन वापसी का दिन खत्म होने के बाद भी कांग्रेस ने अपने बागी नेताओं को 3 दिन का समय दिया था और कहा था कि पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन में वह अपना नाम वापस ले लें. पर बागी नेता इसके लिए तैयार नहीं हुए.

कांग्रेस ने जिन बड़े नेताओं पर कार्रवाई की है, उनमें संयम लोढ़ा, बाबूलाल नागर, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री महादेव सिंह खंडेला, नाथूराम सिसोदिया, जगनाथ बुरडक, आलोक बेनीवाल, खुशवीर सिंह जोजावर, भीमराज भाटी, विक्रम शेखावत, गोपाल केशावत और राकेश मीणा शामिल हैं. इन 28 नेताओं में से 20 उम्मीदवार है जो पिछली बार भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे.

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कांग्रेस ने हर विधानसभा क्षेत्र में अपने नेताओं को भेज कर बागी उम्मीदवारों को मनाने की कोशिश की. कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि तमाम कोशिशों के बावजूद नहीं मानने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है. हालांकि, अविनाश पांडे के मुताबिक पिछले 10 दिनों में पार्टी ने 18 नेताओं को मनाने में कामयाबी पाई है.  

कहा जा रहा है कि ज्यादातर बागी अशोक गहलोत के समर्थक हैं, जिन्हें टिकट नहीं मिलने पर वह चुनाव में उतर गए. हालांकि, माना जा रहा है कि गहलोत समर्थक होने की वजह से ही नाम वापसी की अंतिम तारीख 21 नवंबर बीत जाने के बावजूद इन पर कार्रवाई नहीं की गई.

इसी तरह से बीजेपी ने भी अपने बड़े नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया है. इसमें वसुंधरा सरकार में शामिल चार मंत्री और चार विधायक भी हैं. दरअसल राजस्थान में करीब 19 सीटों पर सीधे-सीधे दोनों ही दलों के बागी बढ़त लिए हुए हैं इसमें से सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस हो रहा है. माना जा रहा है कांग्रेस के बागी करीब 8 सीटों पर चुनाव जीतकर आ सकते हैं.

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