
राजस्थान में बीजेपी के उम्मीदवारों की सूची किसके कहने से बनी है इस बात को लेकर चर्चा गर्म है .सूची में वसुंधरा राजे की चली है या फिर संघ की इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सबसे करीबी मंत्री यूनुस खान के टिकट पर बीजेपी के शीर्ष नेताओं के वीटो लगा देने से बीजेपी में तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
राजस्थान में वसुंधरा सरकार में 2-2 भारी-भरकम मंत्रालय पीडब्ल्यूडी और परिवहन विभाग संभालने वाले यूनुस खान का नाम बीजेपी के 131 उम्मीदवारों की पहली सूची से गायब है. यूनुस खान के टिकट नहीं मिलने से यह माना जा रहा है कि बीजेपी इस बार बगैर किसी मुस्लिम चेहरे को चेहरा उतारे चुनाव मैदान में उतरेगी. यह भी कहा जा रहा है कि संघ नहीं चाहता कि नागौर में कोई मुस्लिम प्रत्याशी उतरे, यही वजह है कि नागौर से 5 बार के विधायक रहे हबीबुर्रहमान का टिकट काट दिया गया और नागौर के डीडवाना से मंत्री यूनुस खान के टिकट का ऐलान रोक दिया गया.
'आज तक' से बातचीत पर यूनुस खान ने कहा कि उन्होंने राम मंदिर आंदोलन के समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ मिलकर देशभक्ति दिखाई और हर मौके पर बीजेपी के अनुशासित कार्यकर्ता और सिपाही रहे. ऐसे में वो पार्टी नेतृत्व के आखिरी फैसले का इंतजार करेंगे और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी कहा है कि टिकट के लिए चिंता मत करो.
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राजस्थान सरकार में युनूस खान का कद इतना बड़ा था कि कई दूसरे मंत्री और विधायक उनसे चिढ़ते थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली हो या अमित शाह की सभा पूरे राजस्थान में प्रधानमंत्री मोदी से लेकर अमित शाह की सभाओं का जिम्मा यूनुस खान ही संभालते थे. यूनुस खान ने कहा कि उनका बीजेपी से रिश्ता पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत के जमाने से है और वसुंधरा राजे की सरपरस्ती में उन्होंने राजनीति सीखी है. चार बार उन्हें बीजेपी से टिकट मिला है. ऐसे में अपने समर्थकों को समझा रहे हैं दुखी न हों और पार्टी के फैसले का इंतजार करें. यूनुस खान के घर पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक बैठे हुए हैं. आज दिन भर के युनूस खान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ ही रहे.