Advertisement

राजस्थान: मंत्री जी की लकी कार, जब-जब चढ़कर प्रचार किया जीत मिली

तब वासुदेव देवनानी मारुति 800 पर चढ़कर चुनाव प्रचार को निकले और बाजी मार गए. इसके बाद जब भी चुनाव हुए और वासुदेव देवनानी को टिकट मिला तो उन्होंने अपनी लकी मारुति 800 कार का इस्तेमाल किया. वासुदेव देवनानी इसी कार से प्रचार करते हैं और उनके मुताबिक वे चुनाव जीतते भी हैं.

फोटो- आज तक फोटो- आज तक
शरत कुमार/पन्ना लाल
  • जयपुर,
  • 13 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 6:22 PM IST

चुनाव जीतने के लिए नेताओं को न जाने क्या-क्या करना पड़ता है. राजस्थान में कैंडिडेट तरह-तरह के टोटके आजमा रहे हैं. हम जिक्र कर रहे हैं राजस्थान के वर्तमान शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी का अंधविश्वास. राजस्थान सरकार में शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी जब पहली बार उदयपुर से अजमेर चुनाव लड़ने आए थे तो उन्होंने अपनी मारुति 800 कार इस्तेमाल किया था.

Advertisement

तब वासुदेव देवनानी मारुति 800 पर चढ़कर चुनाव प्रचार को निकले और बाजी मार गए. इसके बाद जब भी चुनाव हुए और वासुदेव देवनानी को टिकट मिला तो उन्होंने अपनी लकी मारुति 800 कार का इस्तेमाल किया. वासुदेव देवनानी इसी कार से प्रचार करते हैं और उनके मुताबिक वे चुनाव जीतते भी हैं.

वैसे वासुदेव देवनानी मारुति 800 का इस्तेमाल नही करते नहीं है लेकिन चुनाव लड़ने के लिए वे इस कार को संभाल कर रखते हैं. इस बार भी शिक्षा मंत्री इसी कार का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए करने वाले हैं. वासुदेव देवनानी कहते हैं कि ये उनका अंधविश्वास नहीं है बल्कि हर व्यक्ति की जिंदगी में कुछ लकी होता है वो मेरी यह कार है.

इस बार बीजेपी से अलग होकर ताल ठोंक रहे घनश्याम तिवारी भी मुहूर्त के फेर में हैं. पिछली बार बीजेपी के टिकट पर जीते राजस्थान के शिक्षा मंत्री रहे घनश्याम तिवारी सोमवार को जब अपना नामांकन दाखिल करने पहुंचे तो रिटर्निंग ऑफिस के दफ्तर में उम्मीदवार कम और पुजारी ज्यादा लग रहे थे. घनश्याम तिवारी मुहूर्त के हिसाब से जयपुर कलेक्ट्रेट के दफ्तर में नामांकन दाखिल करने पहुंच गए थे. नामांकन दाखिल करने का शुभ मुहूर्त 1:33 निकला था, लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर के कमरे में 13 मिनट पहले ही प्रवेश गए. अब नेता जी 13 मिनट करते तो क्या करते. लिहाजा उन्होंने वहीं पूजा पाठ शुरू कर दी.

Advertisement

घनश्याम तिवारी के साथ उनके बेटे अखिलेश तिवारी भी थे. बाप-बेटे ने मोबाइल पर ही मंत्र का जाप शुरू कर दिया. इस बीच रिटर्निंग ऑफिसर कहते रहे कि कृपया जल्दी करें, पर्चा भरने के लिए और भी लोग हैं. पर घनश्याम तिवारी का बेटा बार-बार विधायक पिता को घड़ी दिखा रहा था कि पिताजी रुक जाइए शुभ मुहूर्त में अभी कुछ मिनट बाकी हैं. आखिरकार जब 1 बजकर 33 मिनट हुए तो नेता जी ने पर्चा भरा.

बता दें कि घनश्याम तिवारी इस बार भारतीय जनता पार्टी का दामन छोड़कर सांगानेर विधानसभा सीट से भारत वाहिनी पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं. इस पर अपने दम पर लोकप्रियता की परीक्षा है, लिहाजा नेता जी फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं. घनश्याम तिवारी ने कहा, "मुझे मंत्र और मुहूर्त पर पूरा विश्वास है, अगर दूसरों को ये काम करने के लिए कहा है तो खुद कैसे नहीं करूंगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement