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राजस्थान में सियासी संकट के बीच 22 जुलाई को बुलाया जा सकता है विधानसभा का सत्र

सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि 22 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाया जा सकता है. सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य विधायकों कों विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस देने का मामले हाई कोर्ट में है, जिसपर सोमवार को सुनवाई होनी है.

बुलाया जाएगा विधानसभा सत्र! बुलाया जाएगा विधानसभा सत्र!
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 19 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 9:55 AM IST

  • सियासी संकट के बीच विधानसभा सत्र
  • 22 जुलाई से बुलाया जा सकता है सत्र

राजस्थान में सियासी संकट के बीच विधानसभा सत्र शुरू किया जा रहा है. यह सत्र 22 जुलाई से शुरू होगा. सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि 22 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाया जा सकता है. जाहिर है सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य विधायकों ने राजस्थान हाइ कोर्ट में उन्हें अयोग्य घोषित किए गए नोटिस के खिलाफ याचिका दायर की है. इस मामले में 20 जुलाई यानी सोमवार को सुनवाई होनी है.

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सूत्रों के मुताबिक 21 जुलाई की शाम तक इसपर फैसला आ सकता है. तब तक विधानसभा स्पीकर विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकेंगे. बता दें, विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस देने का मामला गुरुवार को हाई कोर्ट पहुंचा था.

राजस्थान में गहलोत सरकार टिकेगी या गिरेगी, इसको लेकर सियासी समीकरण उलझते जा रहे हैं. राजस्थान में कथित ''टेप कांड'' को सियासी घमासाम तेज हो गया है. कांग्रेस ने ''टेप कांड'' का हावाला देते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर सरकार गिराने की कोशिश का आरोप मढ़ा है, जबकि बीजेपी ने पल्ला झाड़ते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. जिसके बाद 'टेप कांड' की जांच के लिए राजस्थान सरकार ने एसआईटी का गठन किया है.

एसआईटी के मुखिया सीआईडी के एसपी विकास शर्मा होंगे. एसआईटी में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी), स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (एटीएस) के एसपी स्तर के अधिकारी होंगे. यानी एसआईटी एसओजी, एसीबी और एटीएस के अधिकारियों को मिलाकर बनाई गई है.

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गहलोत सरकार ने इस मामले में केस दर्ज कराया है, जिसमें कुछ आरोपी गिरफ्तार भी किए गए हैं. कोर्ट के आदेश के बाद भी गिरफ्तार आरोपी अशोक सिंह और भरत मलानी ने वॉइस सैंपल देने से इनकार कर दिया. अब राजनीति इस बात पर है कि किसने टेप केस को मंजूरी दी थी. इसे देखते हुए बीजेपी ने सीबीआई जांच की मांग की है.

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बता दें, जो ऑडियो टेप वायरल हुआ है वह विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़ा है. इससे जुड़े तीन ऑडियो क्लिप सामने आए हैं. इन ऑडियो क्लिप में संजय जैन नाम के एक शख्स की आवाज होने का दावा भी किया जा रहा है. फिलहाल इस मामले में संजय जैन को कोर्ट में पेश करने के बाद रिमांड पर भेज दिया गया है. सरकार का कहना है कि विरोधी उनकी सरकार को गिराने के लिए डील कर रहे थे.

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