
कोरोना की दूसरी लहर भले ही ढलान पर है, लेकिन गांवों में अभी भी इसका कहर जारी है. गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में लोगों की टेस्टिंग नहीं हो पा रही है, न ही सही इलाज मिल पा रहा है. इस वजह से गांवों में मौत का ग्राफ तेजी से बढ़ रहे है. अपने को मरता देख लोग अब झोलाछाप डॉक्टरों की शरण में जाने के लिए मजबूर हैं.
राजस्थान में एक झोलाछाप डॉक्टर ने तो सारी हदें पार कर दी. वह सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बैठकर लोगों का इलाज करता था. जब बीजेपी विधायक की शिकायत पर डिप्टी सीएमएचओ की टीम जांच करने पहुंची तो झोलाछाप डॉक्टर उनसे उलझ गया. इस बीच कांग्रेस के प्रधान ने अफसरों को ही ट्रांसफर कराने की धमकी दे दी.
बाड़मेर जिले के सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खारा महेचान अस्पताल में झोलाछाप डॉक्टर अपना क्लीनिक चलाता था और जब इस बात की शिकायत बीजेपी विधायक ने कलेक्टर से की तो डिप्टी सीएमएचओ की टीम जांच करने पहुंची. टीम ने झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो कांग्रेस के प्रधान ने ही अफसरों को धमकी दे डाली.
दरअसल, बीते दिनों जब बीजेपी विधायक हमीर सिंह भायल सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो उन्होंने देखा कि सरकारी अस्पताल में झोलाछाप डॉक्टर दवाई की दुकान के साथ ही अपना क्लीनिक चला रहा था. उन्होंने इसकी शिकायत कलेक्टर से की. कलेक्टर ने टीम को भेजकर झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक को सीज़ करने का आदेश दिया.
जांच करने गई टीम के डॉक्टर पीसी दीप्पे ने बताया कि कई बार प्रधान ने धमकियां दींं, इतना ही नहीं जब मरीजों के बयान ले रहे थे तो उन्हें भी भगा दिया गया, मुझे ट्रांसफर की धमकी भी दी गई, लेकिन मैंने अपनी पूरी कार्रवाई करते हुए झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक को सीज कर दिया, इस दौरान प्रशासन के अधिकारियों ने भी मेरा सहयोग नहीं किया.
कोरोना काल में राजस्थान में स्वास्थ्य व्यवस्था का इतना बुरा हाल है कि सरकारी अस्पतालों में झोलाछाप डॉक्टर अपनी दुकान चला रहे हैं और गरीबों से हजारों रुपए लूट रहे हैं, लेकिन सरकार नेताओं के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, जो अफसर कार्रवाई कर रहे हैं, उन्हें धमकी दी जा रही है.