
राजस्थान (Rajasthan) में कैबिनेट विस्तार की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मोर्चा संभाल लिया है. गुरुवार को अशोक गहलोत ने विधायक दल की बैठक बुलाई, सभी विधायकों के साथ बैठक की और केंद्रीय नेतृत्व को अपनी ताकत का अहसास करवा दिया है. ऐसे में क्या राजस्थान कांग्रेस में कैबिनेट विस्तार का फॉर्मूला साफ हो पाया है या नहीं, ये सवाल अभी बना हुआ है.
राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) पिछले दो दिनों में कांग्रेस और कांग्रेस को समर्थन दे रहे 115 विधायकों से फीडबैक ले चुके हैं. मगर सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच का विवाद ख़त्म होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है.
फीडबैक ख़त्म करने के बाद अजय माकन मुख्यमंत्री निवास पहुंचे, जहां पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने विधायकों की बैठक बुलाई थी. वहां पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जो हुआ, सो भूल जाओ और साथ मिलकर आगे बढ़ो. गहलोत ने एक बार फिर से अपना पुराना नारा दोहराया कि भूलो और माफ करो.
‘अभिभावक की तरह करूंगा काम’
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों से कहा कि मैंने पहले भी आप से कहा था और आज भी कह रहा हूं कि मैं आपके अभिभावक की तरह ही काम करता रहूंगा. विधायकों को लंच कराकर भेजने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर से प्रदेश प्रभारी अजय माकन के साथ बैठकर चर्चा की.
कब निकलेगा सुलह का फॉर्मूला?
बता दें कि शुक्रवार को अजय माकन कांग्रेस के सभी पदाधिकारियों के साथ प्रदेश मुख्यालय में चर्चा करेंगे. इसमें सभी संगठनों के 40 लोगों को चर्चा में बुलाया गया है. उसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज कांग्रेस के पदाधिकारियों और अजय माकन के सम्मान में लंच दिया है. लंच के बाद ही अजय माकन दिल्ली रवाना होंगे.
लेकिन दो दिनों की इस एक्सरसाइज़ का क्या रिजल्ट हुआ, ये अभी नहीं तय हुआ है. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों की बैठक बुलाकर कांग्रेस आलाकमान को अपनी ताक़त एक बार फिर दिखा दी है. इस बीच सचिन पायलट विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हो पाए क्योंकि वह दिल्ली में हैं. ऐसे में इस फीडबैक कार्यक्रम के बाद बाद दिल्ली में अजय माकन से वापस मिल सकते हैं.
अजय माकन की रिपोर्ट के बाद दिल्ली में संगठन महासचिव KC वेणुगोपाल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलेंगे और उसके बाद ही राजस्थान में बदलाव को लेकर फैसला होगा.