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पंजाब में सियासी घमासान की आंच राजस्थान तक, CM गहलोत के OSD लोकेश शर्मा ने दिया इस्तीफा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के OSD लोकेश शर्मा (Lokesh Sharma) ने इस्तीफ़ा दे दिया है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान की नाराज़गी के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोकेश शर्मा को हटाने का फ़ैसला किया.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत. (फाइल फोटो) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत. (फाइल फोटो)
शरत कुमार/देव अंकुर
  • जयपुर,
  • 19 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:09 AM IST
  • पंजाब के सियासी घटनाक्रम को लेकर किया था ट्वीट
  • राजस्थान सीएम के ओएसडी हैं लोकेश शर्मा
  • पायलट गुट उठा रहा गहलोत सरकार पर सवाल

पंजाब (Punjab congress crisis) में कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद अब राजस्थान (Rajasthan) की सियासत में भी हलचल है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा (OSD Lokesh Sharma) ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.

बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान की नाराजगी के बाद अशोक गहलोत ने अपने ओएसडी को हटाने का फैसला किया था, पद से इस्तीफा देने के पहले ही लोकेश शर्मा ने अपने ट्वीट में लिखा था, ''मजबूत को मजबूर, मामूली को मगरूर किया जाए, बाड़ ही खेत को खाए, उस फसल को कौन बचाए.''

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इस ट्वीट में पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने पर सवाल उठाए गए हैं. लोकेश शर्मा के ट्वीट के बाद अशोक गहलोत इतने खफा हुए कि देर रात ही उनसे इस्तीफा मांग लिया.

इसे कांग्रेस हाईकमान के फैसले पर सवाल उठाने से भी जोड़कर देखा जा रहा है. यानी जिस तरह से पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री के पद से अमरिंदर सिंह को हटाने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू अभियान छेड़े हुए थे, ठीक उसी तरह से पायलट खेमा अशोक गहलोत के पीछे पड़ा है. यानी अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी कुछ ऐसा ही दबाव बनाया जाएगा. गहलोत के ओएसडी के इस ट्वीट को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. 
 

मजबूत को मजबूर, मामूली को मग़रूर किया जाए...
बाड़ ही खेत को खाए, उस फसल को कौन बचाए !!

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— Lokesh Sharma (@_lokeshsharma) September 18, 2021

अशोक गहलोत के ओएसडी के इस्तीफे के बाद अब पायलट खेमा गहलोत गुट पर हमलावर हो गया है. पायलट के समर्थक गहलोत गुट पर लगातार पलटवार कर रहे हैं. पायलट के समर्थक अब ये मांग कर रहे हैं कि पुराने नेताओं को हटाकर पार्टी में युवाओं को मौका देने की जरूरत है.

पायलट समर्थकों का कहना है कि अपने निजी स्वार्थ के लिए कुछ पुराने नेता अब पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो रहे हैं. सियासी जानकारों की मानें जिस तरह से पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की विदाई हुई है, उसके बाद से ही गहलोत गुट में भी एक डर सा बैठ गया है. गहलोत अब इस बात से आशंकित हैं कि कहीं उनके लिए भी दिल्ली से कोई बुरी खबर ना आ जाए.

ग़ौरतलब है कि इसके पहले भी टेलीफ़ोन टैपिंग के टेप सार्वजनिक हुए थे जिसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और OSD विवादों में आए थे. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रही है. इस मसले पर लगातार विपक्ष गहलोत सरकार को घेरते रहता है.

 

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