
एक तरफ देश की सुरक्षा में हमारे जवान सीमा पर जुटे हुए हैं तो दूसरी तरफ राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राष्ट्र सुरक्षा यज्ञ करवा रही हैं. देवी की इस शक्ति पूजा के लिए खुद वसुंधरा राजे भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनोट मंदिर पहुंची. तनोट की माता का ही चमत्कार था कि 1971 की लड़ाई इस मंदिर में गिरे कोई भी पाकिस्तानी बम नही फटे थे और सैकड़ो सैनिक माता के चरणों में शरण लिए हुए थे.
पूजा-पाठ के लिए मशहूर राजस्थान की मुख्यमंत्री सरहद की सुरक्षा के लिए यज्ञ करने भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनोट माता के मंदिर पहुंची. जिस तरह से देश की सीमा पर भारत-पाकिस्तान में तनाव का माहौल बना हुआ है, उसे देखते हुए वसुंधरा राजे ने देश की सुरक्षा के लिए राष्ट्र सुरक्षा यज्ञ राजस्थान के देवी माता के 26 बड़े मंदिरों में करवा रही हैं. यज्ञ पर बैठने के लिए 26 विद्वान राष्ट्र भक्त पंडितों को भी मातेश्वरी तनोट राय मंदिर में बलाया गया है, जिनके मंत्रोच्चारण से सरहद पर बैठी सेना को बल मिलेगा और दुश्मन परास्त होंगे. इस यज्ञ में आहूति देने खुद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भारत-पाकिस्तान सीमा पर बने तनोट माता के मंदिर पहुंची है.
वसुंधरा राजे आरती होने तक खुद यहां पूजा-अर्चना करती रहीं और देश के खुशहाली और सुरक्षा के लिए मन्नत मांगी. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि नवरात्रा के दौरान हमारे जवान सीमा पर तैनात है, इसलिए हमने तय किया कि उनकी विजय और दुश्मनों के नाश के लिए मां दुर्गे की पूजा पाठ की जाए और रक्षा यज्ञ की आहूति दी जाए. यहां आए पंडितों का भी मानना है कि देवी की नौरात्र की शक्ति पूजा में दुश्मन पर जीत की शक्ति मिलती है.
मंदिर में ही बिताई रात
दरअसल, तनोट के मातेश्वरी राय मां की महिमा दूर-दूर तक फैली है. यहां पूजा अर्चना बीएसएफ के जरिए केंद्रीय गृह मंत्रालय करवाता है. माता के चरणों में अब भी दर्जनों ऐसे पाकिस्तानी बम बिना फटे पड़े हुए हैं, जिन्हें पाकिस्तान ने 1971 की लड़ाई में बरसाए थे. लेकिन जो भी बम इस मंदिर में गिरे वो माता के चमत्कार से फटे हीं नहीं और सैकड़ो जवान उस वक्त इसी मंदिर में पनाह लिए हुए थे. सभी माता के चमत्कार से सुरक्षित रहे. इसके लिए वसुंधरा राजे 6 अक्टूर को ही उदयपुर से सीधे तनोट पहुंची जहां वो रात मंदिर परिसर में ही बिताई.