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'डॉक्टरों को प्रताड़ित करना बंद करो'... यह लिखकर लेडी डॉक्टर ने दे दी जान, प्रसूता की मौत पर दर्ज हुआ था केस

राजस्थान के दौसा में महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा ने आत्महत्या कर ली है. अर्चना पर एक प्रसूता की मौत के बाद केस दर्ज किया गया था. इसके बाद से अर्चना शर्मा डिप्रेशन में थीं. उनकी खुदकुशी से नाराज राजस्थान के डॉक्टर आज हड़ताल पर रहेंगे.

महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा ने दी जान महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा ने दी जान
शरत कुमार
  • ,
  • 30 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 6:58 PM IST
  • दौसा में प्रसूता की मौत के मामले में बवाल
  • महिला डॉक्टर ने की आत्महत्या, डॉक्टर आक्रोशित

राजस्थान के दौसा में इलाज के दौरान प्रसूता की मौत का मामला बढ़ता जा रहा है. इस मामले में जिस लेडी डॉक्टर अर्चना शर्मा पर केस दर्ज किया गया था, उसने खुदकुशी कर ली है. महिला डॉक्टर की आत्महत्या के मामले को लेकर राजस्थान के डॉक्टर आज हड़ताल पर रहेंगे. राजस्थान के अलावा दिल्ली में भी डॉक्टर काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं.

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दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर आज काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं. इस बीच दौसा अस्पताल प्रबंधक डॉक्टर सुनीत उपाध्याय ने बताया कि 22 साल की महिला आशा बैरवा प्रसव के लिए अस्पताल आई थी मगर पहले से ही ज़्यादा ब्लीडिंग होने की वजह से उसे बचाया नहीं जा सका. स्थानीय कांग्रेस नेताओं की वजह से डॉक्टर अर्चना शर्मा पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया था.

पुलिस की प्रताड़ना से परेशान होकर महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली. अस्पताल के बाहर प्रसूता और नेताओं के धरने से भी वो परेशान थी. कई बार पुलिस को कहा, मगर पुलिस उल्टे डॉक्टर को परेशान कर रही थी. इसके बाद महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा ने खुदकुशी कर ली. इस घटना से राजस्थान के डॉक्टर नाराज हैं.

सुसाइड नोट में लिखा- डॉक्टरों को प्रताड़ित करना बंद करो

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दौसा जिले के लालसोट में लेडी डॉक्टर अर्चना शर्मा सुसाइड केस में सुसाइड नोट भी सामने आया है. इस सुसाइड नोट में घटना से पहले डॉक्टर अर्चना शर्मा ने लिखा, 'मैंने कोई गलती नहीं की है, किसी को नहीं मारा, पीपीएच एक कॉम्प्लिकेशन है, इसके लिए डॉक्टरों को प्रताड़ित करना बंद करो.'

सुसाइड नोट के अंत में उन्होंने लिखा प्लीज मेरे बच्चे को मां की कमी महसूस नहीं होने देना. सुसाइड नोट लिखने के बाद डॉ. अर्चना शर्मा ने फंदा लगाकर अपनी जान दे दी. जैसे ही पुलिस को डॉक्टर के सुसाइड की सूचना मिली तो पुलिस मौके पर पहुंची और डॉक्टर के शव को उसके घर से बरामद किया.

घटना के बाद गुस्से में साथी डॉक्टर

इससे नाराज़ होकर आईएमए ने राज्य के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में हड़ताल का ऐलान किया है. आईएमए के सचिव सर्वेश जोशी ने कहा कि इमरजेंसी छोड़कर सभी सेवाएं बंद रहेंगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, अगर अस्पताल में मौत हुई है तो इलाज में लापरवाही की धारा 304 लगाकर और कमेटी बनाकर जांच कर सकते हैं.

आईएमए ने कहा कि यहां तो राजनैतिक दबाव में अस्पताल के पूरे स्टाफ़ के खिलाफ 302 में मामला दर्ज कर लिया गया है. डॉक्टरों के इस मुद्दे पर हड़ताल का यह प्रदेश का पहला मामला है. अब देखना होगा कि राजस्थान सरकार इस पर क्या कार्रवाई करती है.

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आईएमए के सचिव सर्वेश जोशी ने कहा कि इमरजेंसी छोड़कर सभी सेवाएं बंद हैं. डाक्टरों ने जयपुर के स्टेच्यू सर्किल पर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया. जयपुर के निजी अस्पताल के डाक्टरों के अलावा सरकारी अस्पताल के डाक्टरों ने भी सवाईमान सिंह अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया. 

इस बीच राजस्थान के चिकित्सा मंत्री ने डाक्टरों के साथ खड़े होते हुए कहा कि पुलिस ने डॉक्टर को गलत परेशान किया है, उस पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है. डॉक्टर अर्चना शर्मा ने मरने से पहले लिखा कि मेरी मौत ही मेरी बेगुनाही का सुबूत है.

आईएमए के सचिव जयपुर मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ अनुराग धाकड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अगर अस्पताल में मौत हुई है तो इलाज में लापरवाही की धारा 304 लगाकर और कमेटी बनाकर जांच कर सकते हैं. मगर यहां तो राजनीतिक दबाव में अस्पताल के पूरे स्टाफ के खिलाफ 302 में मामला दर्ज कर लिया गया है. डॉक्टर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

CM अशोक गहलोत बोले- दोषी बख्शे नहीं जाएंगे

इस मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दौसा में डॉ. अर्चना शर्मा की आत्महत्या की घटना बेहद दुखद है, हम सभी डॉक्टरों को भगवान का दर्जा देते हैं, हर डॉक्टर मरीज की जान बचाने के लिए अपना पूरा प्रयास करता है परन्तु कोई भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना होते ही डॉक्टर पर आरोप लगाना न्यायोचित नहीं है.

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सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि अगर इस तरह डॉक्टरों को डराया जाएगा तो वे निश्चिन्त होकर अपना काम कैसे कर पाएंगे, हम सभी को सोचना चाहिए है कि कोविड महामारी या अन्य दूसरी बीमारियों के समय अपनी जान का खतरा मोल लेकर सभी के सेवा करने वाले डॉक्टरों से ऐसा बर्ताव कैसे किया जा सकता है, इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है एवं दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

 

 

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