
राजस्थान में जयपुर का गांधीनगर रेलवे स्टेशन देश पहला समान्य रेलवे स्टेशन बन गया है, जिसे केवल महिलाएं संभालेंगी. गांधीनगर स्टेशन अब ऑल वुमेन रेलवे स्टेशन बन गया है. इससे पहले मेट्रो और मुंबई के एक सबअर्बन रेलवे स्टेशन पर इस तरह का प्रयोग किया गया था.
इस रेलवे स्टेशन पर 40 महिलाओं की टीम सभी तरह के काम चौबीसों घंटे करेंगी. महिला सशक्तिकरण के नाम पर उत्तर पश्चिम रेलवे ने इस तरह का अनूठा प्रयोग शुरू किया है. इस रेलवे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर से लेकर इंजीनियर, टिकट चेकर ,पॉइंट्स मैन, मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक ,गेटमैन, फ्लैग इंडिकेटर समेत सभी तरह के पदों पर महिलाएं काम करेंगी. यहां तक की रेलवे स्टेशन की सुरक्षा में तैनात जीआरपी की टीम में भी महिलाएं ही होंगी.
गांधीनगर रेलवे स्टेशन जयपुर दिल्ली रेल मार्ग पर है और यहां से रोजाना लगभग 50 ट्रेनें गुजरती हैं. 25 ट्रेनों का ठहराव इस रेलवे स्टेशन पर होता है. शहर के करीब 7000 यात्री रोजाना गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतरते हैं और ट्रेन में चढ़ते हैं. यहां के स्टेशन मास्टर का एंजेला स्टेला का कहना है कि हमें इसके लिए पूरी तरह से ट्रेनिंग दी गई है. हम लड़कियां इसे संभालने में पूरी तरह से सक्षम हैं.
महिलाओं की होगी पूरी सुरक्षा
रेलवे ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए पूरे स्टेशन को सीसीटीवी कैमरे से कवर किया है. इसकी थाने में रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी. इसे वाई-फाई भी बनाया है. साथ महिलाओं के लिए एक अलग से व्हाट्स ऐप ग्रुप भी बनाया गया है. स्टेशन पर महिलाएं तीनों पारियों में काम करेंगी तो इसके लिए चेंजिंग रूम और वेटिंग रूम भी अलग से बनाया गया है.
उत्तर पश्चिम रेलवे के जीएम पीपी सिंह का कहना है कि हमें उम्मीद है कि रेलवे स्टेशन पर एक अलग बदलाव दिखेगा और हमें भरोसा है कि महिलाएं इस रेलवे स्टेशन को और बेहतर कर दिखाएंगी.