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गुर्जर आरक्षण आंदोलन: बैंसला ने सरकार के ऑफर को ठुकराया, कहा- पटरी पर ही होगी बात

Gujjar agitation in Rajasthan एक हजार से लेकर दो हजार के बीच आंदोलनकारी दिल्ली-मुंबई मलारना और निमोदा रेलवे स्टेशन के बीच पटरी पर बैठे हुए हैं. हालांकि कहीं से गुर्जर आंदोलन को लेकर हिंसक खबर नहीं आई है.

रेल पटरी पर जमे गुर्जर आंदोलनकारी (ANI) रेल पटरी पर जमे गुर्जर आंदोलनकारी (ANI)
aajtak.in/शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 09 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 8:33 PM IST

आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार को गुर्जर समुदाय ने फिर अपना आंदोलन शुरू कर दिया है. आंदोलनकारी दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर बैठ गए हैं जिससे 7 ट्रेनें रद्द हुई हैं और कुल 21 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. गुर्जर समुदाय राजस्थान में नौकरी और एडमिशन में पांच फीसदी आरक्षण की मांग कर रहा है.

इस बीच राजस्थान सरकार की तरफ से गठित एक प्रतिनिधिमंडल ने मौके पर पहुंचकर गुर्जर समुदाय से बात की. इस प्रतिनिधिमंडल में सरकार के तीन मंत्री (पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह, समाज कल्याण मंत्री भंवर लाल मेघवाल और रघु शर्मा) और एक आईएएस अधिकारी नीरज के पवन भी शामिल थे. इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बिश्वेंद्र सिंह कर रहे थे.

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शनिवार को उन्होंने आरक्षण की मांग को लेकर रेल पटरी पर बैठे कर्नल बैंसला से बातचीत की और उन्हें गुर्जर समुदाय की तरफ से 10 या उससे अधिक सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल को सरकार से बातचीत के लिए भेजने के लिए कहा. उन्होंने बैंसला से कहा कि इस तरीके से रेल की पटरी पर बातचीत नहीं की जा सकती.

हालांकि, बैंसला ने सरकार के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया और कहा कि किसी भी संवाद को पटरी पर ही करना होगा. जिसके बाद बिश्वेंद्र सिंह ने उनसे कहा कि वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे और फिर दोबारा उनसे (बैंसला) मुलाकात करेंगे. इस दौरान आईएएस नीरज के पवन ने कहा कि सरकार गुर्जरों के लिए 5% आरक्षण के लिए अधिसूचना लाने पर काम कर रही है, ताकि वह अदालत द्वारा खारिज न हो. पवन ने कहा कि पहले भी सरकार ने आरक्षण देने का प्रयास किया था जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

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सवाई माधोपुर के मकसुदनपुरा में आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक पर बैठ गए हैं. आंदोलकारियों ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि जब देश में अच्छा प्रधानमंत्री और प्रदेश में अच्छा मुख्यमंत्री है, तो उनसे आग्रह है कि वे गुर्जर समुदाय की मांग सुनें क्योंकि उनके लिए आरक्षण मुहैया कराना कोई बहुत बड़ा काम नहीं है.

इससे पहले शुक्रवार को कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा, "हम अपने समुदाय के लिए उसी तरह पांच फीसदी आरक्षण चाहते हैं, जिस तरह केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया है. सरकार की ओर से हमारी मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है. कोई हमसे बातचीत करने भी नहीं आया है, इसलिए हमें मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा है."

इससे पहले शुक्रवार को गुर्जर संघर्ष समिति (जीएसएस) के सदस्यों ने एक महापंचायत बुलाई थी. इसके बाद जीएसएस के सदस्य सवाई माधोपुर के पास मलारना डुंगर रेलवे स्टेशन पहुंचे और ट्रेनों की आवाजाही रोक दी. इस रूट की मशहूर ट्रेन अवध एक्सप्रेस बाधित हुई और कई मालगाड़ियां सवाई माधोपुर में रोक दी गईं.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि 'गुर्जर बताएं कि राजस्थान सरकार उनके लिए क्या कर सकती है. हम तुरंत करने के लिए तैयार हैं. राजस्थान सरकार ने विधानसभा से पारित कर आरक्षण दे दिया है. हाई कोर्ट से रोक लगने के बाद हमने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है और सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं. अगर गुर्जर आरक्षण चाहते हैं तो केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करें. केंद्र सरकार संसद में बिल बनाकर उनको आरक्षण दे सकती है.' इसके साथ ही गहलोत ने राज्य में शांति की अपील की.

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रिपोर्ट के मुताबिक एक हजार से लेकर दो हजार के बीच आंदोलनकारी दिल्ली-मुंबई  मलारना और निमोदा रेलवे स्टेशन के बीच पटरी पर बैठे हुए हैं. हालांकि कहीं से गुर्जर आंदोलन को लेकर हिंसक खबर नहीं आई है. ट्रैक जाम होने की वजह से अभी तक करीब 21 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं जिनमें 13 ट्रेनों के रूट बदले गए हैं और 8 ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द किया गया है.

इधर राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव, गृह विभाग और पुलिस महानिदेशक से जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. आयोग ने कहा है कि अपनी मांगें मनवाने के लिए लोगों को बंधक नहीं रख सकते. इस बाबत सोमवार 12:30 बजे तक पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट मांगी गई है. आयोग ने यह भी पूछा है कि जब इस तरह से लोगों को बंधक बनाकर मांग मनवाया जाता है तो फिर सरकारी मुकदमे क्यों लेती है.

सचिन पायलट और गुर्जर आंदोलन

इस बीच सवाल उठने लगे हैं कि जब कल (शुक्रवार) सुबह से लोग पंचायत में जुट रहे थे तो राजस्थान सरकार ने महज 2000 लोगों को ट्रैक पर जाने क्यों दिया. इस बारे में कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति को लेकर भी लोगों में चर्चा है कि कहीं सचिन पायलट की राजनीति को प्रभावित करने के लिए गुर्जर आंदोलन को हवा तो नहीं दी जा रही है.

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आंदोलन से कई ट्रेनें रद्द, कुछ के रूट बदले

गुर्जर आरक्षण के कारण 7 ट्रेनें रद्द की गई हैं और कुछ के रूट बदले गए हैं. भरतपुर मार्ग को बंद कर दिया गया है. कोटा संभाग में 19020 देहरादून-बांद्रा टर्मिनस देहरादून एक्सप्रेस, 12415/12416 इंदौर-नई दिल्ली एक्सप्रेस, 19021 बांद्रा-लखनऊ एक्सप्रेस, 12909 बांद्रा टर्मिनस-निजामुद्दीन गरीब रथ एक्सप्रेस, 12248 निजामुद्दीन-बांद्रा टर्मिनस युवा एक्सप्रेस को 9 फरवरी दिन शनिवार के लिए रद्द किया गया है. 12059/12060 कोटा-निजामुद्दीन-कोटा जनशताब्दी एक्सप्रेस, 9 फरवरी को 19803 कोटा-कटरा एक्सप्रेस और 19804 कटरा-कोटा एक्सप्रेस को 10 फरवरी को रद्द किया गया है,

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