
राजस्थान हाई कोर्ट में सोमवार को अजीब वाकया हुआ. हाई कोर्ट के जज जीआर मूलचंदानी ने यह कहते हुए फाइल पटक दी कि इस मामले में आरोपी लगातार उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा है. यह न्यायपालिका के लिए ठीक नहीं है. यह केस राजस्थान के सीनियर आईएएस अधिकारी और प्रिंसिपल सेक्रेट्री माइनिंग अशोक सिंघवी के रिश्वत मामले से संबंधित है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में अशोक सिंघवी पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चला था. इस मामले में ईडी की याचिका पर 21 सितंबर को अशोक सिंघवी के खिलाफ गैर जमानती वारंट हाई कोर्ट से जारी किया गया था. उस गैर जमानती वारंट के खिलाफ अशोक सिंघवी ने राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी.
सुनवाई के दौरान पटकी फाइल
इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान जज के सामने जैसे ही फाइल आई उन्होंने फाइल पटकते हुए कहा कि मैं इसकी सुनवाई नहीं कर सकता हूं. याचिकाकर्ता मुझे प्रभावित करने के लिए संपर्क करने की कोशिश कर रहा है. जज ने यह कहते हुए और सनसनी फैला दी कि इससे पहले भी इस मामले में हाई कोर्ट के चार जज सुनवाई करने से मना कर चुके हैं, क्योंकि याचिकाकर्ता पहले भी उनसे इस मामले में जजों से संपर्क करने की कोशिश की थी.
फिलहाल अशोक सिंघवी ईडी में उपस्थित नहीं हो रहे हैं और उनके खिलाफ 25 सितंबर को भगोड़ा घोषित करने की कार्रवाई की जानी है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अशोक सिंघवी को निदेशक पंचायती राज संस्थान बनाया था. इसे लेकर हर तरफ अशोक गहलोत की आलोचना हुई थी. इंदिरा गांधी पंचायती राज विभाग के निदेशक पद पर रहते हुए मनी लॉन्ड्रिंग के केस में सीनियर आईएएस अधिकारी और प्रिंसिपल सेक्रेटरी हाई कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे हैं.