
राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर खंडपीठ ने संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनकी पत्नी को नोटिस जारी किया है. ये मामला संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी में पैसों के गबन से जुड़ा हुआ है.
संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में निवेशकों ने अपनी मेहनत की कमाई निवेश की थी. लेकिन जब इन्हें पैसे वापस करने का वक्त आया तो ये सोसायटी मुकर गई. इसके बाद पैसे वापसी की मांग को लेकर निवेशकों ने संजीवनी पीड़ित संघ के नाम से संस्था बनाई थी.
बता दें कि इस मामले में संजीवनी पीड़ित संघ ने यूनियन ऑफ इंडिया सहित सोसायटी के विक्रम सिंह, विनोद कंवर, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनकी पत्नी नौनंद कंवर को भी पक्षकार बनाया है.
न्यायाधीश विजय विश्नोई की अदालत ने संजीवनी पीड़ित संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए पक्षकार बनाए गए यूनियन ऑफ इंडिया सहित सभी 17 पक्षकारों को नोटिस जारी किया है. इनमें केंद्रीय मंत्री और जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत और उनकी पत्नी नौनंद कंवर भी शामिल हैं.
अधिवक्ता अमित कुमार पुरोहित और मधुसुदन पुरोहित ने उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका पेश कर बताया कि संजीवनी क्रेडिट कॉआपरेटिव सोसायटी ने भारी निवेश करवाकर विक्रम सिंह और उसके सहयोगियों ने छल कपट किया और फर्जी रिकॉर्ड दिखाकर निवेशकों को धोखे में रखा.
इस संस्था ने मांग की है कि इस मामले की जांच ईडी, एसएफआईओ और सीबीआई से करवाई जाए. पीड़ित निवेशकों का कहना है कि इस क्रेडिट सोसायटी की संपूर्ण संपत्ति को अदालत अपने कब्जे में लेकर रिसीवर नियुक्त करे और सोसाइटी की संपत्ति को बेचकर निवेशकों को भुगतान करवाया जाए.