
शादी से पहले प्री-वेडिंग शूट इन दिनों आम फैशन बन गया है. राजस्थान में ऐसे ही एक प्री-वेडिंग शूट के फोटो को लेकर पुलिस विभाग में हंगामा मचा हुआ है. राजस्थान के एक पुलिस वाले ने अपनी शादी के लिए एक प्री-वेडिंग वीडियो शूट करवाया और जैसे ही ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पुलिसकर्मी को नोटिस जारी कर दिया गया. थानेदार की मंगेतर ने इच्छा जताई कि प्री-वेडिंग शूट के बहाने पुलिस महकमे की असलियत को शूट किया जाए.
उदयपुर के कोटड़ा थाने में तैनात थानेदार धनपत सिंह का प्री-वेडिंग शूट इन दिनों चर्चा में है. दोनों युगल का वीडियो सोशल मीडिया पर इस कदर वायरल हुआ कि पुलिस महकमे को दूल्हा थानेदार को नोटिस थमाना पड़ गया. प्रदेश की कानून व्यवस्था के आईजी हवा सिंह घुमरिया ने एक आदेश जारी कर पुलिसकर्मियों को वर्दी में इस तरह का फोटो या वीडियो शूट नहीं करने की हिदायत दी है.
दरअसल, कोटड़ा थाने के थानेदार धनपत सिंह ने करीब दो-ढाई महीने पहले अपनी होने वाली पत्नी के साथ प्री-वेडिंग शूट करवाया था. इसमें थानेदार की पहली मुलाकात ट्रैफिक पुलिस चेकिंग के दौरान उनकी होने वाली पत्नी से होती है.
जब थानेदार कांस्टेबल के साथ खड़े होकर वाहन चालकों को रोकते हैं, तभी उनकी होने वाली पत्नी बिना हैलमेट लगाए स्कूटी चलाकर आ रही होती है. उसे कांस्टेबल रोकता है और चालान भरने के लिए पास में खड़े थानेदार से बात करने को कहता है. इस दौरान वीडियो में लड़की थानेदार की जेब में 500 का नोट बहुत ही रोमांटिक अंदाज में रखती है.
इसके बाद वीडियो में रियल लाइफ के थानेदार 500 रुपये के रिश्वत की नोट को बड़े ही फिल्मी अंदाज में चूमते हैं. रील लाइफ के इस सीन के बाद थानेदार की रियल लाइफ में बवाल बनता दिख रहा है.
इस मामले में जयपुर में तैनात आईजी लॉ एंड ऑर्डर डॉक्टर हवा सिंह घुमरिया ने राज्य के सभी एसपी और पुलिस उपायुक्त को आदेश जारी कर इस प्री-वेडिंग शूट को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. इस वीडियो में पुलिसकर्मी अपनी होने वाली पत्नी की गाड़ी रुकवाकर उससे रिश्वत लेकर अपनी वर्दी की जेब में रखते हुए दिख रहा है.
उन्होंने कहा, 'विभाग के ही नवनियुक्त पुलिसकर्मी द्वारा ऐसा वीडियो बनवाना दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे पुलिस महकमे की छवि धूमिल होती है. ऐसे में आदेश दिया जाता है कि पुलिस वर्दी के कोड ऑफ कंडक्ट को ध्यान में रखते हुए भविष्य में ऐसे किसी भी प्रकार के प्री-वेडिंग शूट में पुलिस वर्दी का उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर कानूनी कार्रवाई की जाए.'
थानेदार के इस वीडियो में दिख रहा है कि 500 रुपये के नोट को चालान राशि माना जाए या रिश्वत......ये देखने वाले के नजरिए पर निर्भर करता है.
वहीं इस मामले के सामने आने के बाद जिला पुलिस के कप्तान कैलाश विश्नोई ने भी इस पर संज्ञान लेते हुए कोटड़ा थानाधिकारी धनपत सिंह पर विभागीय जांच करने का निर्णय लिया है. जिससे भविष्य में कोई भी पुलिसकर्मी इस तरह की बात वापस दोहरा न सके.
इसके अलावा पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी किये गए आदेश को लेकर भी एसपी ने सभी अधीनस्थ कर्मचारियों और अधिकारियों को इससे अवगत करा दिया है कि पुलिस की वर्दी का उपयोग सिर्फ गरिमामय जगहों पर ही इस्तेमाल करे.