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10 दिनों के राजस्थान दौरे पर मोहन भागवत, संघ के दर्जनों कार्यक्रमों में लेंगे हिस्सा

इस बार भागवत के नागौर प्रवास को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. आरएसएस के लिहाज से नागौर ऐतिहासिक धरती रही है, जहां पहली बार संघ की पोशाक (गणवेश) को बदला गया था और उसकी जगह फुल पैंट को शामिल किया गया था.

मोहन भागवत (फाइल फोटो) मोहन भागवत (फाइल फोटो)
मोनिका गुप्ता/शरत कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 21 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 4:42 PM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन राव भागवत शुक्रवार से 10 दिनों के राजस्थान दौरे पर जा रहे हैं. मोहन भागवत 10 दिनों में जोधपुर, जयपुर के प्रांत के अलावा संघ के दर्जनों कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे.

मोहन भागवत की राजस्थान की 10 दिनों की यात्रा विधानसभा चुनाव को देखते हुए महत्वपूर्ण मानी जा रही है. ऐसा माना जा जाता है कि कई मुद्दों पर आरएसएस की वसुंधरा राजे के फैसलों पर सहमत नहीं है. ऐसे में कार्यकर्ताओं में मायूसी है. 10 दिनों के अंदर मोहन भागवत कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम करेंगे.

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आरएसएस के उत्तर पश्चिम क्षेत्र के प्रचार प्रमुख महेंद्र सिंघल ने कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत का नियमित प्रवास है. वो 21 सितंबर को जोधपुर जाएंगे, उसके बाद 22 सितंबर को जोधपुर प्रांत के नागौर जिले में मंडल कार्यवाह की बैठक लेंगे. उसके बाद नागौर में ही 24-25 सितंबर को राजस्थान क्षेत्र के प्रांत कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे. 26 सितंबर को नागौर में ही जयपुर, जोधपुर, चित्तौड़, राजस्थान क्षेत्र की कार्यकारिणी की बैठक लेंगे. 27 सितंबर को मोहन भागवत सलेमाबाद  महाराज से संपर्क करते हुए जयपुर पहुंचेंगे.

28 सितंबर को व्यक्तिगत दायित्व से मुक्त हुए सज्जन शक्ति से संपर्क करेंगे. 29 सितंबर को जयपुर में ही राजस्थान के मातृ शक्ति संगम में हिस्सा लेंगे. उसके बाद 30 सितंबर को सेवा प्रकल्प शिक्षण के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होंगे और उसी दिन शाम यहां से लौट जाएंगे. मोहन भागवत की मीटिंग चुनाव से ठीक पहले हो रही है.

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बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शुक्रवार यानी आज से तीसरी बार अपनी राजस्थान यात्रा शुरू कर रहे हैं. दूसरी तरफ वसुंधरा राजे भी गौरव यात्रा लेकर घूम रही हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी और संघ ने सरकार के साथ अपनी पूरी ताकत झोंक देने का मन बना लिया है. ऐसा कहा जा रहा है कि 2 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में राजस्थान बीजेपी की कमजोर कड़ी है.

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